पिछले डेढ़ दशक पर नजर डालें तो रोहित शर्मा और विराट कोहली टीम इंडिया को अपने कंधों पर ढोते आए हैं।एक तरफ कोहली हैं, जो अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में 27 हजार से अधिक रन बना चुके हैं, दूसरी ओर रोहित शर्मा ने तीनों फॉर्मेट में 19 हजार से अधिक रन बनाए हैं। रोहित ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा है। इसके बाद विराट कोहली द्वारा बीसीआई को टेस्ट क्रिकेट से अपने संन्यास लेने की जानकारी देने और बीसीसीआई द्वारा इस पर विराट कोहली से फिर से विचार करने की खबरें आ रही है।इस मामले में स्थिति अभी जहां का वहीं अटका हुआ है। ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या विराट कोहली को अभी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना चाहिए या नहीं और अगर नहीं तो क्यों?
विराट कोहली पिछली 2 टेस्ट सीरीज में कुल मिलाकर सिर्फ 283 रन बना पाए हैं, जिनमें एक शतक और एक फिफ्टी शामिल है. इसके बावजूद जब उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी स्क्वाड में जगह मिली तो चयनकर्ताओं की जमकर आलोचना हुई थी। विराट ने चैंपियंस ट्रॉफी में 54.5 के शानदार औसत से 218 रन बनाए और टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज रहे।उसके बाद उनकी शानदार फॉर्म IPL 2025 में भी जारी है, जहां उन्होंने 11 मैचों में 505 रन बना लिए हैं।
विराट कोहली चाहे 36 की उम्र को पार कर चुके हैं, लेकिन सिंगल-डबल रन लेकर स्कोरबोर्ड को चलाते रहना उनकी सबसे बड़ी ताकत है। विराट की यही खासियत टीम इंडिया को मुकाबले में पिछड़ने नहीं देती है।श्रेयस अय्यर गजब की फॉर्म में चल रहे हैं, लेकिन वो 4 नंबर पर बैटिंग कर रहे हैं। सवाल है कि विराट अगर रिटायर हो गए तो 3 नंबर पर आकर टॉप ऑर्डर और मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजों का दबाव कौन कम करेगा?
विराट कोहली ने क्रिकेट के खेल में फिटनेस के नए मानक तय कर दिए हैं।वो 36 की उम्र को पार कर चुके हैं, लेकिन क्रिकेट शॉट्स में सटीकता, टाइमिंग, रनिंग और अन्य चीजों में 20 वर्षीय युवाओं को मात देने का दम रखते हैं. धैर्य और एनर्जी लेवल टेस्ट क्रिकेट की 2 मुख्य मांग होती हैं, जिनपर विराट खरे उतरते रहे हैं। हालांकि पिछली 2 टेस्ट सीरीज में उनका बल्ला खामोश रहा है। इससे यह तथ्य नहीं बदल जाता कि विराट कोहली का फिटनेस लेवल आज के युवाओं से कहीं बेहतर है।