न्यूज डेस्क
ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा दोनों ही चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की है। भाजपा ने बहुमत के साथ राज्य में सरकार बनाई और लंबे समय से राज्य के सीएम रहे बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष नवीन पटनायक को सत्ता से बाहर किया। बीजद संसद में ज्यादातर मामलों में भाजपा के साथ होती थी। हालांकि, अब चुनाव परिणाम के बाद बीजद ने अब संसद में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए सरकार के विरोध में जाने का फैसला किया है। इसे लेकर नवीन पटनायक ने अपने राज्यसभा सांसदों को अहम दिशानिर्देश दिए हैं।
नवीन पटनायक की अध्यक्षता में सोमवार को BJD की संसदीय दल की बैठक हुई। इस बैठक में पार्टी के सभी नौ राज्यसभा सांसदों ने हिस्सा लिया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि BJD ओडिशा के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा मांगेगी।
दरअसल, सोमवार को 18वीं लोकसभा के सत्र का आगाज हो गया है। ओडिशा में सत्ता गंवाने वाली बीजू जनता दल ने अगले पांच सालों में केंद्र से की जाने वाली मांगों की सूची जारी की है।
बीजेडी संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए नवीन पटनायक ने कहा कि संसद में ओडिशा के 4.5 करोड़ लोगों की आवाज बनें। हम एक बहुत मजबूत और जीवंत विपक्ष होंगे और केंद्र को सभी मुद्दों पर जवाबदेह बनाएंगे। बीजेडी सांसद राज्य के विकास और ओडिशा के लोगों के कल्याण से संबंधित सभी मुद्दों को उठाएंगे। ओडिशा की कई जायज और उचित मांगें पूरी नहीं हुई हैं। हमें यह सुनिश्चित करना है कि केंद्र उन मांगों को सही तरीके से पूरा करे।
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या बीजू जनता दल पहले की तरह बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार को मुद्दों पर आधारित समर्थन देता रहेगा, तो उन्होंन कहा कि बीजेपी का अब और समर्थन नहीं, सिर्फ विरोध करेंगे। ओडिशा के हितों की रक्षा के लिए हम किसी भी हद तक जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बीजेपी को समर्थन देने का सवाल ही नहीं है। बीजेडी अध्यक्ष ने कहा है कि अगर एनडीए सरकार ओडिशा की उचित मांगों की अनदेखी करती रही तो हमें एक मजबूत और जीवंत विपक्ष की तरह कार्य करना होगा।