न्यूज़ डेस्क
महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव को लेकर जहाँ सभी पार्टियां चुनावी तैयारी में जुटी है वही चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव से पहले शरद पवार को बड़ी रहत दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया, जिसके तहत अब अन्य पार्टियों के फ्री सिंबल की लिस्ट से ‘तुरहा’ यानी ट्रंपेट हटा दिया गया है। यह फैसला स्टेट इलेक्शन कमीशन ने बीते मंगलवार ही ले लिया था, लेकिन सार्वजनिक शुक्रवार 19 जुलाई को किया।
जानकारी के लिए बता दें कि एनसीपी के विभाजन के बाद शरद पवार गुट को चुनाव आयोग की ओर से जो चुनाव चिन्ह दिया गया था, उसमें एक व्यक्ति तुरहा बजा रहा है। हालांकि, हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार को एक सिंबल असाइन किया था, जो केवल तुरहा था।
इसके बाद शरद पवार गुट के नेताओं की ओर से दावा किया गया था कि एक जैसे सिंबल होने की वजह से जनता में कंफ्यूजन की स्थिति पैदा हो गई और कई लोकसभा सीटों पर शरद पवार की एनसीपी के वोट कट कर निर्दलीय को चले गए।
जानकारी के लिए बता दें, महाराष्ट्र की सतारा लोकसभा सीट पर भी कुछ ऐसा ही होने का दावा किया गया था. सतारा सीट पर एनडीए उम्मीदवार उदयनराजे भोसले को जीत मिली थी, जबकि शरद पवार गुट के शशिकांत शिंदे 37,771 मतों के अंतर से हार गए थे।
परिणाम आने के बाद शरद पवार गुट का दावा था कि निर्दलीय उम्मीदवार (जिसका सिंबल तुरहा था) को 37,062 वोट इसलिए मिले, क्योंकि जनता को एनसीपी एससीपी के सिंबल को लेकर कंफ्यूजन हो गया था।
ऐसा ही कुछ डिंडोरी लोकसभा सीट पर भी हुआ, जहां तुरहा सिंबल वाले निर्दलीय उम्मीदवार को एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे। हालांकि, शरद गुट के कैंडिडेट ने यहां पहले से ही बढ़त ज्यादा बना ली थी, जिस वजह से एक लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से ही उनकी जीत हुई।