बीरेंद्र कुमार झा
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में एक आतंकवादी को मौत के घाट उतार दिया गया यह मुठभेड़ शोपियां जिला के कथोहलान इलाके में रात के समय हुई। सुरक्षा बलों ने आतंकी के पास से हथियार और गोला-बारूद सहित आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है।
स्थानीय था मृत आतंकी
पुलिस ने मृत आतंकवादी की पहचान मयसर अहमद डार के रूप में की है, जो हाल ही में लश्कर प्रॉक्सी टीआरएफ में शामिल हुआ था।वह शोपियां के वेश्रो का रहने वाला था। वह एक सप्ताह पहले ही आतंकी समूह में शामिल हुआ था। फिलहाल तलाशी अभियान जारी है इस बात की जानकारी कश्मीर जोन पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी।
स्थानीय लोगों को भर्ती करना आतंकी संगठनों की पहली प्राथमिकता
सीमापार आतंकी संगठन अक्सर स्थानीय लोगों का ब्रेनवास कर उन्हें अपने संगठन में शामिल करना पसंद करते हैं। इससे उन्हें कई प्रकार के लाभ मिलते हैं।सबसे पहले तो आतंकी इन स्थानीय नवयुवकों को फ्रंट फुट पर भेजते हैं ताकि किसी भी प्रकार की जान माल की हानि होती है, तो यहां के स्थानीय नवयुवकों की हो और उनके अपने लोग सुरक्षित बचे रहें। इसके आलावा आतंकी स्थानीय नवनियुक्त आतंकी के घर आकर और वहां ठहरकर किसी घटना को अंजाम देने के लिए आसानी से रेकी की कर सकते हैं। स्थानीय लोगों का साथ होने की वजह से जल्दी कोई पर शंका भी नहीं करता है और यह बड़ी घटना को अंजाम दे देते हैं। हालांकि पिछले कुछ वर्षों से जब से भारतीय सेना ने आतंकवादियों के प्रति कड़ा रुख करते हुए दनादन उन्हें मुठभेड़ में मारना शुरू किया तो स्थानीय नवययुवकों के आतंकी बनाने का सिलसिला लगभग थम सा गया ,इसके आलावा लोगों का विकास से जुड़ाव भी एक कारण है जिससे बड़ी संख्या में स्थानीय युवकों के आतंकवादी बनने में कमी आईं है। ऐसे में मयसर अहमद डार नाम के इस स्थानीय आतंकी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद अब ऐसे लोगों का हौसला और पस्त होगा।