विकास कुमार
पश्चिम बंगाल स्थित शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया है। नोबेल विजेता और प्रसिद्ध कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने एक सदी पहले शांतिनिकेतन में विश्व भारती का निर्माण किया था। शांतिनिकेतन पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित है। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अपने जीवन का अधिकांश समय यहीं बिताया था। हाल ही में यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में इसे शामिल करने की सिफारिश की गई थी। भारत लंबे समय से शांतिनिकेतन को यूनेस्को की सूची में शामिल कराने की कोशिश कर रहा था। अब जाकर ये कोशिश रंग लाई और शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल कर लिया गया।
शांतिनिकेतन मूल रूप से रवींद्रनाथ टैगोर के पिता देबेंद्रनाथ टैगोर द्वारा बनाया गया एक आश्रम था,जहां जाति और पंथ से परे कोई भी, आ सकता था और परमेश्वर पर ध्यान कर सकता था। शांतिनिकेतन में स्थित विश्व भारती भारत के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है। 1951 में संसद के एक अधिनियम द्वारा इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया था। विश्व भारती पश्चिम बंगाल का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय है और प्रधानमंत्री इसके कुलाधिपति हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शांतिनिकेतन की इस उपलब्धि पर खुशी का इजहार किया है,वहीं शांतिनिकेतन के वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल होने की घोषणा होने पर विश्व भारती यूनिवर्सिटी में सजावट की गई। इस घोषणा के बाद विश्व भारती यूनिवर्सिटी में जश्न मनाया जा रहा है। यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग और परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया। फैकल्टी, स्टाफ और स्टूडेंट्स ने पारंपरिक कपड़े पहने और रवींद्र-संगीत पर डांस किया। शांतिनिकेतन के सभी स्टाफ में उत्साह का माहौल देखा जा रहा है। शांतिनिकेतन की इस उपलब्धि पर पूरे देश को गर्व है।