विकास कुमार
मध्य प्रदेश के चुनावी नतीजों को लेकर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। संजय राउत ने कहा कि अगर कांग्रेस ने ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत इसके घटक दलों के साथ कुछ सीटें साझा की होती तो मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे अलग होते। राउत ने यह भी कहा कि कांग्रेस को सहयोगियों के प्रति अपने दृष्टिकोण पर फिर से विचार करना चाहिए। राउत ने याद दिलाया कि कमलनाथ ने चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के साथ सीटें साझा करने का विरोध किया था। हालांकि, राउत ने कहा कि चुनाव नतीजों से ‘इंडिया’ गठबंधन के सदस्यों में कोई मतभेद नहीं होगा।
वहीं संजय राउत ने कहा कि मेरी स्पष्ट राय है कि मध्य प्रदेश का चुनाव ‘इंडिया’ गठबंधन तहत लड़ा जाना चाहिए था। अगर कुछ सीटें गठबंधन दलों, जैसे कि अखिलेश की पार्टी के साथ साझा की जाती, तो कांग्रेस का प्रदर्शन कहीं बेहतर होता। अखिलेश की पार्टी को कुछ क्षेत्रों में अच्छा समर्थन प्राप्त है, जिनमें पार्टी का गढ़ कही जाने वाली 10-12 सीटें भी शामिल हैं। चुनाव परिणाम से सबक मिलता है कि भविष्य के चुनावों को ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत मिलकर लड़ना चाहिए।
वहीं संजय राउत ने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए ‘टीम वर्क’ की जरूरत थी। राज्य के दलों को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। राउत ने कहा कि स्थानीय दलों को नजरअंदाज कर कोई राजनीति नहीं कर सकता है। राउत ने बताया कि इंडिया गठबंधन की छह दिसंबर को नई दिल्ली की बैठक में उद्धव ठाकरे शामिल होंगे। राउत ने बीजेपी पर भी जमकर हमला बोला,संसाधन फंस गए या जब्त कर लिए गए जिन्हें चुनाव प्रबंधन का हिस्सा कहा जा सकता है। भाजपा हमेशा ऐसे चुनाव लड़ती है जैसे वह विपक्ष के साथ युद्ध कर रही हो। शिवराज सिंह चौहान की लोगों के बीच छवि ने भी चुनाव परिणाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इंडिया गठबंधन के तमाम सहयोगी अब कांग्रेस पर दबाव बना रही है,ऐसे में अब क्षेत्रीय दलों को ज्यादा स्पेस देना कांग्रेस की मजबूरी हो गई है।