बीरेंद्र कुमार झा
गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान एस जयशंकर ने आतंकवाद पर पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई। इसके साथ ही उन्होंने सम्मेलन में शामिल पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी पर भी हमला बोला। बिलावल भुट्टो पर तीखा हमला करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन्हें आतंकवाद उद्योग का ‘प्रवर्तक, उसे उचित ठहराने वाला और एक प्रवक्ता’ बताया। बिलावल के आतंकवाद से निपटने के बयान पर जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान की विश्वसनीयता इस मामले में उसके विदेशी मुद्रा भंडार से भी तेज गति से गिर रही है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने एससीओ बैठक में आतंकवाद से सामूहिक रूप से निपटने का आह्वान किया था।यह पूछे जाने पर कि क्या इस समस्या से निपटने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत हो सकती है? जयशंकर ने कहा, ‘आतंकवाद के शिकार लोग आतंकवाद पर चर्चा करने के लिए आतंकवाद के अपराधियों के साथ नहीं बैठते हैं।
जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग
जयशंकर ने इस बात का भी उल्लेख किया कि जम्मू कश्मीर हमेशा से भारत का हिस्सा था, है और रहेगा। विदेश मंत्री ने कहा कि बिलावल एससीओ सदस्य देश के विदेश मंत्री के रूप में भारत आए और यह बहुपक्षीय कूटनीति का हिस्सा है।उन्होंने कहा कि ‘इसमें इससे ज्यादा कुछ मत देखिए।तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर जयशंकर ने कहा कि यह स्पष्ट किया गया था कि संपर्क प्रगति के लिए अच्छी है, लेकिन यह राष्ट्रों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन नहीं कर सकता है।उन्होंने कहा कि बिलावल से एससीओ सदस्य राष्ट्र के एक विदेश मंत्री के अनुरूप व्यवहार किया गया।
आतंकवाद की अनदेखी करना हानिकारक
अपने संबोधन के दौरान एस जयशंकर ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि आतंकवाद की अनदेखी करना समूह के सुरक्षा हितों के लिए हानिकारक होगा।उन्होंने कहा कि जब दुनिया कोविड-19 महामारी और उसके प्रभावों से निपटने में लगी थी, तब भी आतंकवाद की समस्या ज्यों की त्यों बनी रही। सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद को बिल्कुल उचित नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस खतरे से मुकाबला करना SCO के मूलभूत कार्यक्षेत्र में शामिल है
उन्होंने कहा, ‘हमें किसी भी व्यक्ति या देश को सरकार से इतर तत्वों के पीछे छिपने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। जयशंकर ने यह भी रेखांकित किया कि संपर्क प्रगति की कुंजी है, लेकिन इसके लिए सभी सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को ध्यान में रखना चाहिए। गोवा के इस बीच रिसॉर्ट में चीन के विदेश मंत्री छिन कांग और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव तथा एससीओ के अन्य देशों के उनके समकक्षों ने बैठक की।
जयशंकर ने अफगानिस्तान की स्थिति और कोविड-19 महामारी के प्रभाव के साथ-साथ ऊर्जा, भोजन और उर्वरकों की आपूर्ति को प्रभावित करने वाली भू-राजनीतिक उथल-पुथल के परिणामों पर भी चर्चा की। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद की अनदेखी करना समूह के सुरक्षा हितों के लिए नुकसानदेह होगा। हमारा दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है। सीमापार आतंकवाद समेत इसके सभी स्वरूपों का खात्मा किया जाना चाहिए।सदस्यों को यह याद दिलाने की जरूरत नहीं है कि खतरे से मुकाबला करना SCO के मूलभूत कार्यक्षेत्र में शामिल है।