बीरेंद्र कुमार झा
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूरी शिद्दत से प्रचार में जुटी है।पार्टी को इस चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है,मगर कई सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले ने उसकी चिंता बढ़ा दी है।कुछ सीट पर पार्टी की बागी उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं तो कुछ सीटों पर बीएसपी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठबंधन चुनाव मैदान में हैं।इनकी उपस्थिति कई सीटों भी कई सीट पर नतीजे का रुख बदल सकता है।
बागियों को मनाने में विफल रही कांग्रेस
मध्य प्रदेश में कांग्रेस कई दिनों की मशक्कत के बावजूद पार्टी के बागी उम्मीदवारों को मनाने में सफल नहीं हो पाई है। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि खत्म होने के बाद पार्टी ने ऐसे 39 नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।ऐसे में ये बागी स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में चुनाव मैदान में डटकर खड़े हो गए हैं।चुनाव मैदान में इन बागी उम्मीदवारों की उपस्थिति कांग्रेस के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं, क्योंकि इनकी वजह से कई सीटों पर लड़ाई त्रिकोणात्मक हो गई है और इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है।
बागियों के साथ ही बीएसपी- गोंगपा गंठबंधन से भी खतरा
प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि आक्रामक चुनाव प्रचार के बावजूद एक तरफ बागी नेता उम्मीदवार पार्टी के लिए चुनौती पैदा कर सकते हैं,तो वहीं दूसरी तरफ बीएसपी और गोंगपा गठबंधन भी कई सीटों पर कांग्रेस की जीत के मार्ग में रोड़ा अटका सकता है।वर्ष 2018 में गोंगपा ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था और एक सीट जीती थी और चुनाव में कांग्रेस को 20 सीटों पर नुकसान पहुंचाया था। बीएसपी के चुनाव लड़ने की वजह भी कई सीटों पर चुनाव त्रिकोणात्मक हो गया है।पिछले चुनाव में बीएसपी को 2 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
त्रिकोणीय चुनाव बीजेपी के लिए फायदे मंद
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार करीब 70 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है।बात 2018 के विधान सभा चुनाव की की जाय तो तब करीब 55 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था। मुकाबले में ज्यादातर सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी। ऐसे में इस बार कांग्रेस त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना वाली सीटों पर कांग्रेस अपने चुनाव प्रचार को पूरी तरह से आक्रामक बनाने की तैयारी कर रही है, ताकि उसका मुकाबला सीधा बीजेपी से हो जाए।