न्यूज़ डेस्क
अगले साल की शुरुआत में देश की राजनीति धार्मिक हो सकती है। अयोध्या में रामलला की स्थापना की तारीख 22 जनवरी को तय कर दी गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी स्थापना के लिए समय भी दे दिया है। माना जा रहा है कि रामलला की स्थापना के साथ ही देश के भीतर हिंदुत्व का ज्वार एक बार फिर से फैलेगा और बीजेपी को इसका लाभ भी मिल सकता है। अगले साल अप्रैल में लोकसभा के चुनाव भी होने हैं।
खबर के मुताबिक वाराणसी के ज्योतिषियों द्वारा इसका मुहूर्त तय कर दिया गया है। राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से रामलला की स्थापना की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। भवन निर्माण समिति, विश्व हिन्दू परिषद और प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव समिति की बैठकों का दौर जारी है। संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं। सीएम योगी खुद कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
ज्योतिषियों के मुताबिक, मकर संक्रांति पर 25 जनवरी तक का मुहूर्त बेहद शुभ है। विद्वान पंडितों ने उन दिनों में 3 शुभ मुहूर्त निकाले हैं, जिनमें से 22 जनवरी को पुष्प नक्षत्र के साथ अभिजीत मुहूर्त बन रहा है। ऐसे में 22 जनवरी का दिन रामलला की स्थापना के लिए बेहद शुभ दिन है। इस दिन सुबह करीब साढ़े 11 से साढ़े 12 बजे के बीच रामलला स्थापित किए जाएंगे।
यजमान के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। 2 मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। इनमें एक स्थायी रूप से गर्भगृह में विराजमान रहेगी। दूसरी चलायमान होगी, जिसे विशेष अवसरों पर मंदिर से बाहर ले जाया जा सकेगा। तय प्रोग्राम के अनुसार, रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 16 जनवरी से शुरू होगा। 100 से अधिक विद्वान मूर्तियों की स्थापना कराएंगे।
बता दें कि अयोध्या में राम लला मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। राम मंदिर निर्माण में अब तक 900 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। इसके बाद भी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बैंक खातों में 3000 करोड़ रुपये जमा हैं। राम जन्मभूमि ट्रस्ट से जुड़े अधिकारियों ने इसके बारे में जानकारी दी है। ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि राम मंदिर निर्माण पर 5 फरवरी 2020 से 31 मार्च 2023 तक कुल 900 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं। इसके बाद भी खातों में 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि मौजूद है। वहीं प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही देश भर के 10 हजार लोगों को न्योता दिया गया है। श्रद्धालुओं को प्रसाद के साथ भगवान राम की तस्वीरें दी जाएंगी।
जानकारी के अनुसार, अचल मूर्ति की कुल ऊंचाई 8.5 फीट होगी। बालक होने के बाद भी धनुष रामलला की पहचान है। मूर्ति में रामलला का धनुष, तीर व मुकुट अलग से बनाकर लगाया जाएगा। मूर्ति की ऊंचाई वैज्ञानिक के मत के आधार पर तय की गई है। हर रामनवमी पर रामलला के मुख पर सूर्य की किरणें पड़ सकें, इसको लेकर वैज्ञानिकों के सुझाव पर ही मूर्ति की कुल ऊंचाई 8.5 फीट तय की गई है, ताकि तकनीकी रूप से रामलला का सूर्य रश्मियों से अभिषेक हो सके।