न्यूज़ डेस्क
राजस्थान सरकार में मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार की चर्चा सियासी गलियारों में तेज हो गई है। राज्य में अभी विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। ऐसे में संभवतः अगस्त में भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल में बदलाव हो सकता है। विधानसभा के चालू सत्र के बीच मंत्रिमंडल विस्तार की परम्परा कम ही रही है।
कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीना का इस्तीफा स्वीकार होगा या नहीं। यह मामला भी संभवतः मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार तक लंबित रह सकता है।
भाजपा के दिल्ली से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दिल्ली गए थे। दिल्ली यात्रा के दौरान मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार को लेकर कुछ नेताओं से फौरी तौर पर चर्चा हो चुकी है। अभी और चर्चा होगी। लोकसभा चुनाव में हुई हार का असर भी इस मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार में दिखेगा।
जिन विधायकों ने अच्छा परिणाम दिया है, उनको मंत्री पद से नवाजा जा सकता है। जिन मंत्रियों के यहां परिणाम खराब आया और मंत्री के रूप में छह माह की परफार्मेंस भी खराब रही है।
ऐसे मंत्रियों को हटाया भी जा सकता है। बताया जा रहा है कि 3 से 4 मंत्रियों को लेकर दिल्ली में ज्यादा शिकायतें हैं। ऐसे में उनको हटाने की ज्यादा संभावना है। कुछ मंत्रियों के विभागों में भी बदलाव होगा।
नियमानुसार कुल विधायकों के 15 प्रतिशत सदस्य ही मंत्री बन सकते हैं। प्रदेश की विधानसभा में 200 सदस्य हैं। ऐसे में सीएम सहित कुल 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं।
वर्तमान में सीएम सहित 24 मंत्री बने हुए हैं। मंत्रियों के छह पद रिक्त हैं और किरोड़ी मीना के इस्तीफे पर निर्णय होना है। ऐसे में यदि सरकार 3 से 4 मंत्रियों को हटाती है तो 8 से 10 नए विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है।
मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्र और जातिगत समीकरण भी साचे जाएंगे, जिससे 5 सीटों पर जल्द होने वाले उप चुनाव पर भी भाजपा को फायदा मिल सके। पूर्वी राजस्थान, शेखावाटी और पागड़ से न नए विधायकों को मंत्री बनाए जाने की संभावना ज्यादा है।