अखिलेश अखिल
कर्नाटक चुनाव परिणाम आने के बाद अभी तक कर्नाटक में सीएम को लेकर कांग्रेस माथापच्ची क्र ही रही है कि मीडिया में यह खबर आज तैरने लगी कि राहुल गाँधी फिर से दस दिनों की यात्रा पर अमेरिका जा रहे हैं। इस यात्रा की असली कहानी क्या है अभी किसी को पता नहीं। सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक़ तो राहुल गाँधी किसी बड़े मिशन पर जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार राहुल चार जून को न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वायर गार्डन में करीब 5000 प्रवासी भारतीयों के साथ रैली करेंगे। इसके अलावा वो पैनेल चर्चा और भाषण के लिए वाशिंगटन और कैलिफोर्निया के स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी भी जाएंगे। राहुल अपनी इस यात्रा के दौरान अमेरिका के राजनेता और कारोबारियों से भी मुलाकात करेंगे। राहुल इस तरह के काम पहले भी कर चुके हिन् और इससे उनको काफी लाभ भी मिले हैं। हालांकि विदेशों में उनकी यही चर्चा पर भारत में काफी समय तक आलोचना भी होती रही। बीजेपी ने बहुत वार किया था।
इस बीच पीएम मोदी भी 22 जून को अमेरिका की यात्रा पर रहने वाले हैं। विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते ही मीडिया को इसकी जानकारी दी थी कि अमेरिका में पीएम मोदी की मेजबानी राष्ट्रपति जो बाइडेन करेंगे। पीएम मोदी के लिए व्हाइट हाउस में डिनर का भी आयोजन किया गया है। लेकिन उससे पहले अमेरिका में राहुल की रैली से बीजेपी की धड़कने बढ़ गई है।
अभी हाल ही में लंदन दौरे पर गए राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में मोदी सरकार और भारतीय लोकतंत्र को लेकर अपना पक्ष रखा था जिसके बाद वो खबरों में आ गए थे। मार्च 2023 में राहुल ने लंदन में कहा था…सभी को पता है और यह न्यूज़ में भी है कि भारतीय लोकतंत्र दबाव में है और उस पर हमले किए जा रहे हैं। मैं विपक्ष का नेता हूं। हम उस जगह को नेविगेट कर रहे हैं। राहुल गांधी के बयानों के बाद सत्ता पर काबिज बीजेपी नेताओं ने उनसे माफी की मांग की थी।
संसद के बजट सत्र के दौरान जहां बीजेपी राहुल गांधी से माफीनामे की मांग कर रहे थी, तो वहीं कांग्रेस ने अडानी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर मोदी सरकार को घेर लिया था जेपीसी गठन की मांग की थी। किसी ने किसी से माफ़ी नहीं मांगी। संसद स्तर ख़त्म हो गया। राहुल को हलाकि एक दूसरे मामले में सजा हो गई और उनकी सांसदी भी ख़त्म हो गई। लेकिनदानी का खेल बड़ा ही मनोरंजक है। सरकार जांच नहीं चाहती। सेबी जो जांच कर रही है उससे किसी को कोई उम्मीद तक नहीं। अडानी भी बमबम है लेकिन बीजेपी को पलीता लगता जा रहा है। कर्नाटक में जो हुआ उसे आप देख ही सकते हैं। उधर राहुल गाँधी अपनी सदस्यता खो कर पहली विदेश यात्रा कर रहे हैं। राहुल के मामले में विदेश से भी काफी टिप्पणी आयी थी।