बीरेंद्र कुमार झा
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध के बीच नाटो देशों के परमाणु हमले का जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है। परमाणु हमले से बचने का यह अभ्यास पहली बार रूस के 11 टाइम जोन में एक साथ होने जा रहा है।रूस में 3 अक्टूबर को 1 दिन के लिए इस परमाणु हमले से बचाव का अभ्यास किया जाएगा।इस दौरान रूस की सरकार यह मान कर चलेगी कि देश की 70 फ़ीसदी घर और जीवन जीने के लिए जरूरी सामग्री तथा दवा तबाह हो गई है। इसको देखते हुए पूरे रस को एकजुट करने की कोशिश की जाएगी।
70% तबाही का आकलन
इस परमाणु अभ्यास के दौरान जिस परिदृश्य का आकलन किया गया है उसमें कहा गया है कि रूस के कुछ इलाकों में 70 फ़ीसदी तक घर और जीवन के लिए जरूरी सुविधाएं नष्ट हो गई हैं अभ्यास के दौरान नौकरशाहों और क्षेत्रीय अधिकारियों को आदेश दिया जाएगा कि नॉनस्टॉप इमरजेंसी रेस्क्यू टीम बनाएं। साथ ही खाना मेडिकल की सप्लाई और रेडियो एक्टिव पदार्थ से सुरक्षा को सुनिश्चित कराएं। इस दस्तावेज में यह भी चेतावनी दी गई है एक स्थानीय और क्षेत्रीय युद्ध से सशस्त्र संघर्षों के बढ़ने का खतरा पैदा हो रहा है।
पुतिन के पास परमाणु प्रलय से बचाने वाला प्लेन, बंकर
रूस ने कहा है कि दुश्मन के लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों के इस्तेमाल खतरा बढ़ता जा रहा है, जिससे आम नागरिकों की सुरक्षा संकट में पड़ जाएगी। इसके अलावा ड्रोन और समुद्री ड्रोन से हमले का भी खतरा है माना जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इस अभ्यास को सिविल डिफेंस फोर्सज को अपनी तैयारी को मजबूत करने के लिए उठाया है इसका उद्देश्य रूसी जनसंख्या, पदार्थ और सांस्कृतिक प्रॉपर्टी की सुरक्षा करना भी है इसमें खतरनाक इलाकों से जनता को निकालना शामिल है।
परमाणु बमों के खतरे से पुतिन पूरी तरह सुरक्षित
पुतिन ने अपने महलों के अंदर कई बंकर बनवाए हैं, ताकि किसी भी परमाणु हमले का उन पर कोई असर नहीं हो।यही नहीं रूसी राष्ट्रपति के पास प्रलय के दिन के लिए आईएल 80 मैक्सडोम एयरक्राफ्ट भी है। यह अभ्यास पुतिन के जन्मदिन के ठीक 4 दिन पहले किया जा रहा है। पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को देखते हुए देश के बजट का 40% हिस्सा सेना,पुलिस और खुफिया एजेंसियों पर खर्च करने का ऐलान किया है। रूस में यह भी मांग की जा रही है कि आर्कटिक क्षेत्र में परमाणु हथियारों का अभ्यास फिर से शुरू किया जाए।