न्यूज़ डेस्क
इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक में वैसे तो कई मुद्दों पर चर्चा हुई लेकिन सबसे अहम् बात ये हुई कि सीटों का बंटवारा राज्यवार जल्द ही किया जाएगा। इसके साथ ही एवीएम से चुनाव करनाए जाने की बात भी सामने आयी। विपक्ष के नेता जल्द ही चुनाव आयोग से मिलेंगे। 22 दिसंबर को देश भर में विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा। यह प्रदर्शन निलंबित सांसदों को लेकर होगा। अभी तक संसद से करीब 151 सानस्ड निलंबित किये जा चुके हैं। इसके बाद यह भी तय हुआ कि 30 जनवरी को पटना गांधी मैदान में इंडिया गठबंधन की बड़ी रैली आयोजित की जाएगी। लेकिन इन तमाम बातों से इतर आज की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को इंडिया गठबंधन की तरफ से प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव भी ममता बनर्जी और केजरीवाल की तरफ से आया। हलाकि इस प्रस्ताव को खड़गे ने ख़ारिज कर दिया।
जानकारी के मुताबिक ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने प्रस्ताव दिया कि मल्लिकार्जुन खरगे को टीम का समन्वयक होना चाहिए और हम उन्हें आगामी चुनावों में प्रधानमंत्री के रूप में पेश करेंगे। हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष ने इसे तत्काल ही साफ शब्दों में खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस सुझाव की कोई जरूरत नहीं है। चुनाव के बाद ही हम तय कर सकते हैं कि पीएम कौन होगा। उन्होंने तुरंत इस बात को खारिज कर दिया।
सूत्रों ने बताया है कि कांग्रेस प्रमुख खरगे का कहना है पहले चुनाव जीतना महत्वपूर्ण है। इंडिया ब्लॉक के पीएम चेहरे पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि लोकतंत्र को बचाने के लिए हम सभी को लड़ना होगा और हम सभी इसके लिए तैयार हैं। हमने संसद में सुरक्षा उल्लंघन का मुद्दा उठाया। हम पहले से कह रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह या पीएम मोदी को संसद में आना चाहिए और संसद सुरक्षा चूक के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में बोलना चाहिए, लेकिन वे ऐसा करने से इनकार कर रहे हैं।
खड़गे ने कहा कि यह पहली बार है जब देश में 141 संसद सदस्यों को निलंबित किया गया है। यह गलत है, हम इसके खिलाफ लड़ेंगे। हम इसके खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट हुए हैं। हमने 22 दिसंबर को सांसदों के निलंबन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी द्वारा कांग्रेस प्रमुख मल्लिलकार्जुन खड़गे का नाम इंडिया अलायंस के पीएम चेहरे के रूप में प्रस्तावित करने की खबरों को केरल कांग्रेस नेता पीसी थॉमस ने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने ऐसा सुझाव नहीं दिया। ममता बनर्जी ने कहा अगर हम किसी दलित प्रधानमंत्री को पेश कर सकें तो अच्छा होगा। उन्होंने किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया। इस मामले पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई क्योंकि वह आखिरी में बोली थीं।
आज की बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई ही उनमे शामिल है -सकारात्मक एजेंडा तय करना,सीटो का बंटवारा,नए सिरे से रणनीति बनाना,साझा जनसभाओं पर मंथन और संसद से विपक्षी सांसदों के निलबंन पर प्रदर्शन। इसके साथ ही जाति आधारित गणना,न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा पर भी चर्चा की गई।
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, जनता दल (यू) से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजीव रंजन सिंह, शिवसेना (यूबीटी) से उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की महबूबा मुफ्ती, अपना दल (के) से कृष्णा पटेल एवं पल्लवी पटेल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, द्रमुक के टीआर बालू, सीपीआई-एम के सीताराम येचुरी, राजद के तेजस्वी यादव, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और राम गोपाल यादव, सीपीआई के डी राजा, एनसी के फारूक अब्दुल्ला, ईटी मोहम्मद बशीर, ई के इलांगोवन, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन, केरल कांग्रेस (एम) के जोस के मणि, एनसीपी की सुप्रिया सुले और जेएमएम की महुआ माजी समेत अन्य शामिल हुए।