भारत में अगले साल से जनगणना शुरू हो सकती है।कुछ मीडिया ग्रुप ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी, जिसपर कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस ने जनगणना पर सवाल उठते हुए र कहा कि तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए।पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने मामले पर रिएक्शन दिया और यह भी कहा कि जनगणना के साथ ही जाति जनगणना कराना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।
कांग्रेस पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया और कहा कि महापंजीयक और जनगणना आयुक्त के कार्यकाल के विस्तार देने को अभी-अभी अधिसूचित किया गया है।इसका अर्थ है कि 2021 में होने वाली जनगणना, जो लंबे समय से विलंबित है, अब आख़िरकार जल्द ही करवा ली जाएगी। आगे उन्होंने लिखा कि दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर अभी भी कोई स्पष्टता नहीं है। 1951 से हर 10 वर्ष पर जनगणना होती आ रही थी।अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की गणना के अलावा क्या इस बार नई जनगणना में देश की सभी जातियों की विस्तृत गणना शामिल होगी? भारत के संविधान के अनुसार ऐसी जाति जनगणना केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी है।
जयराम रमेश ने यह सवाल भी किया कि क्या इस जनगणना का इस्तेमाल लोकसभा में प्रत्येक राज्य के प्रतिनिधियों की संख्या निर्धारित करने के लिए किया जाएगा,जैसा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 82 में प्रावधान है (जो कहता है कि ऐसे किसी पुनर्गठन का वर्ष 2026 के बाद की गई पहली जनगणना और उसके रिजल्ट का प्रकाशन आधार होगा)? क्या इससे उन राज्यों को नुक़सान होगा जो परिवार नियोजन में अग्रणी रहे हैं? उन्होंने कहा कि ऐसे में सबसे सही यही होगा कि इन दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्पष्टता के लिए जल्द ही एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए।
मीडिया रिपोर्टे में सूत्रों के हवाले से खबर चल रही है कि जनगणना 2025 से शुरू होकर 2026 तक चलेगी।संप्रदाय के आधार पर भी जनगणना कराए जाने पर सरकार विचार कर रही है। लोकसभा सीटों की परिसीमन का रास्ता जनगणना के बाद साफ हो जाएगा।