न्यूज़ डेस्क
तीन अक्टूबर को छत्तीसगढ़ में दो बड़ी घटनाएं घटने जा रही है। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ में चुनावी सभा को सम्बोधित करेंगे और कई योजनाओं की घोषणा भी करेंगे लेकिन उसी दिन पूरा बस्तर संभाग बंद रहेगा। कांग्रेस ने इस बंद का ऐलान किया है। बस्तर बंद के पीछे की कहानी यह है कि बस्तर में स्थित राष्ट्रीय खनिज निगम के नवनिर्मित नगरनार स्टील प्लांट को सरकार किसी निजी हाथों में सौपने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस सरकार की इसी नित्या का विरोध करते हुए बस्तर बंद का ऐलान किया है। सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार इसे नहीं चलना चाहती तो इसे राज्य सरकार को सौप दे। हम इसे चलाएंगे .लेकिन सरकार ऐसा नहीं चाहती। केंद्र सरकार ने विनिवेशीकरण की प्रक्रिया में ऐसा क्लाज लगा दिया है कि निजी हाथों की जगह राज्य सरकार यह प्लांट नही ले सके।
सीएम बघेल ने कहा कि जब नगरनार स्टील प्लांट की स्थापना हो रही थी तो छत्तीसगढ़ के लोगों ने इस प्लांट को निजी हाथों में देने के लिए जमीन नहीं दी। नगरनार स्टील प्लांट से छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद की गई। यहां के विकास की उम्मीद की गई।
यह उम्मीद की गई है कि इससे हमारे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में विकास की नई शुरुआत होगी। लेकिन अब दिख रहा है कि प्लांट की स्थापना के बाद इसे निजी हाथों को सौंपने की साजिश की जा रही है।सारे सपनों को चकनाचूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम छत्तीसगढ़ के लोगों का सपना चकनाचूर नहीं होने देंगे। हम नगरनार स्टील प्लांट को निजी हाथों में देने का विरोध करेंगे।
बघेल ने कहा कि जब कांग्रेस विपक्ष में थी तो प्रदेश विधानसभा में नगरनार स्टील प्लांट को निजी हाथों में नहीं देने और इसे छत्तीसगढ़ सरकार को देने के लिए अशासकीय संकल्प पारित किया गया और अब हमारी पार्टी जब सत्ता में है तो हमने इसके लिए शासकीय संकल्प पारित किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि नगरनार स्टील प्लांट के बारे में जब विधानसभा में प्रस्ताव लाया गया तो उसमें भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने भी सहमति दी थी। किसी भी उद्योग का निजीकरण हो जाने से उसका मुनाफा सिर्फ कुछ लोगों की जेब में चला जाता है। यहां के युवाओं को निजीकरण से कुछ फायदा नहीं होने वाला है। किसानों के लिए भी कुछ नहीं किया जाएगा।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बस्तर और छत्तीसगढ़ के लोगों को आश्वस्त करें कि प्लांट की जमीन निजी हाथों में नहीं बेचेंगे। हमने जमीन एनएमडीसी को दिया था। नगरनार संयंत्र को लेकर कहा कि इस संयंत्र का निर्माण बस्तर के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर किया गया है। टाटा, जिंदल, वेदांता तथा अडानी की कंपनियों के अधिकारी सर्वे करने पहुंचे थे। अगर ऐसा नहीं है तो फिर प्रधानमंत्री मोदी जनता को ये भरोसा दिलाएं कि ये संयंत्र नहीं बिकेगा?
बघेल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बिलासपुर में आकर झूठ परोसकर चले गए। केंद्र सरकार ने धान खरीद पर बोनस देने में प्रतिबंध लगा दिया है। वर्ष 2014 से वर्ष 2017 के बीच किसानों से धान खरीद का प्रतिशत लगातार कम होता चला गया। अब यह कह रहे हैं कि हम किसानों का एक-एक दाना धान खरीदेंगे। मोदी ने दावा किया था कि दाना-दाना धान केंद्र सरकार खरीदती है ऐसा है तो केंद्र सरकार आदेश जारी करे।