न्यूज़ डेस्क
राहुल गांधी मसले पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का एक सन्देश सामने आया है जिसमे पीके ने बीजेपी से सत्तारूढ़ दल होने के नाते बड़ा दिल दिखाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा ही कि किसी भी मानहानि के मामले में दो साल की सजा बहुत ही ज्यादा है और सांसदी रद्द करने के लिए जल्दबाजी नहीं करनी करनी चाहिए थी।
पीटीआई भाषा से बात करते हुए पीके के कहा कि वैसे मैं कोई क़ानूनी जानकार नहीं हूँ लेकिन क़ानूनी प्रक्रिया के प्रति सम्मान रखते हुए यही कह रहा हूँ कि राहुल को दी गई सजा अत्यधिक है। चुनाव के समय में लोग तरह -तरह की बाते करते हैं लेकिन यह कोई पहला उदाहरण है और न ही यह कोई अंतिम उदाहरण होने वाला है। पीके ने यह भी कहा कि कांग्रेस यह सन्देश जनता तक पहुंचाने की अच्छी तरह से तैयारी करती नहीं दिख रही है कि उसके साथ अन्याय हुआ है।
किशोर ने कहा है कि यह सच है कि मौजूदा समय में सत्तारूढ़ पार्टी तकनीकी बातों की आड़ ले सकती है और कहा सकती है कि दोषसिद्धि को देखते हुए राहुल गाँधी की अयोग्यता अपरिहार्य थी। इसके बाद भी मैं कहना चाहूंगा कि उन्हें अपने सम्मानित नेता दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी का अनुसरण करना चाहिए और राहुल गाँधी को अयोग्य ठहराने के लिए जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि बीजेपी आज सत्ता में है। बड़ा दिल दिखाने की जिम्मेदारी उसकी है उन्हें कुछ दिनों का इन्तजार करना चाहिए था और पीड़ित पक्ष को अपील का मौक़ा देना चाहिए था। फिर कोई राहत नहीं मिलती तो करवाई करते।
बता दें कि प्रशांत किशोर अभी बिहार में जन सुराज यात्रा पर हैं। बिहार की राजनीति में वे बदलाव लाने के लिए यह यात्रा निकाल रहे हैं। हालांकि इस यात्रा की ख़बरें मीडिया में बहुत ही कम आती है लेकिन वे अपने मिशन पर लगे हुए हैं। वे जनता से मिल रहे हैं और उन्हें लोकतंत्र की शिक्षा देने के साथ ही लोगो को ठगी वाली राजनीति के प्रति आगाह भी कर रहे हैं।
प्रशांत किशोर देश के बेहतर चुनावी रणनीतिकार हैं। वे बीजेपी के साथ ही कांग्रेस समेत कई और दलों के साथ काम कर चुके हैं। कई पार्टियों को चुनाव में जीत दिलाने में उनकी भूमिका को सराहा भी गया है। उन्होंने अंत में कहा कि राहुल की सजा ज्यादा है क्योंकि यह एक मानहानि का मामला है ऐसे में उनकी सजा कम होनी चाहिए। बाजपेयी जी ने कहा था कि छोटे मन से कोई बड़ा आदमी नहीं बन जाता।