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नीतीश कुमार के संयोजक पद को लेकर बिहार में गहमागहमी तेज, सीएम से मिले तेजस्वी

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बीरेंद्र कुमार झा

कांग्रेस की सीट शेयरिंग कमेटी द्वारा विभिन्न राज्यों में सीट शेयरिंग की स्थिति की रिपोर्ट कांग्रेस आलाकमान को सौंपने के साथ ही बिहार में भी राजनीतिक गहमागहमी काफी तेज हो गई है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इंडिया के प्रमुख घटक शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे ने बिहार में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद व अन्य वरिष्ठ नेताओं से गठबंधन के मुद्दों को लेकर विमर्श किया।माना जा रहा है उन्होंने संयोजक पद के लिए नीतीश कुमार के नाम पर अपनी सहमति भी दे दी है।

कांग्रेस के सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर होगा विचार

इंडिया गंठबंधन के लिए सीट शेयरिंग की स्थिति का खाका तैयार करने के लिए कांग्रेस के मुकुल वासनिक के नेतृत्व वाली कमिटी ने बिहार समेत अन्य राज्यों में सहयोगी दलों के साथ सीटों के बंटवारे से संबंधित रिपोर्ट तैयार करने के बाद इसे राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंप दिया है। अब जल्दी इस पर बैठक होगी और फैसले की जानकारी साझा की जाएगी। सीट शेयरिंग कमेटी के संयोजक मुकुल वासनिक ने बैठक के बाद दिल्ली में कहा कि घटक दलों में कौन सी सीट पर कौन लड़ेगा इसका विवरण मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंप दिया है।वे शीघ्र ही इस पर चर्चा शुरू करने जा रहे हैं।

नीतीश कुमार से मिले तेजस्वी यादव

इस राजनीतिक गहमागहमी के बीच उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की।गया से लौटने के बाद तेजस्वी यादव सीधे नीतीश कुमार से मिलने उनके आवाज पहुंचे गए। करीब आधे घंटे तक तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच वर्तमान राजनीतिक हलचलों पर चर्चा हुई।

जेडीयू ने नीतीश कुमार के लिए पीएम उम्मीदवार घोषित करने की मांग की

नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी और एससी – एसटी कल्याण मंत्री रत्नेश सदा ने इंडिया गठबंधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार घोषित करने की मांग की है। जेडीयू प्रदेश मुख्यालय में जनसुनवाई के बाद पत्रकारों से बातचीत में मदन साहनी ने कहा कि इंडिया गठबंधन में नीतीश कुमार का नाम आगे ही बढाना है तो इन्हें प्रधानमंत्री पद के चेहरे के रूप में बढ़ाया जाना चाहिए। वैसे तो उन्हें कोई पद नहीं चाहिए, इस बात को नीतीश कुमार कई बार बोल चुके हैं। उनका मकसद सिर्फ बीजेपी को तीसरी बार केंद्र की सत्ता में आने से रोकना है।उन्होंने कहा कि बिना संयोजक घोषित हुए ही नीतीश कुमार ने सभी विपक्षी दलों को एकजुट कर संयोजक पद की जिम्मेदारी निभा दी है।

संयोजक नहीं बनाया गया तो भी जेडीयू इंडिया गठबंधन में ही रहेगा

बिहार के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री रत्नेश सदा ने कहा की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी गंठबंधन इंडिया में सबसे अनुभवी चेहरा हैं। उनके अनुभव का ही परिणाम है कि सारे विपक्षी दल एकजुट हुए हैं। बिहार में हुए विकास कार्य की वजह से देशभर में नीतीश कुमार की छवि विकास पुरुष के रूप में उभरी है, इसलिए देश की जनता भी चाहती है कि नीतीश कुमार ही देश का नेतृत्व करें और इसके लिए इन्हें विपक्षी गठबंधन इंडिया में या तो प्रधानमंत्री पद के चेहरे के रूप में या नहीं तो संयोजक के रूप में आगे किया जाना चाहिए। हालांकि अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री रत्नेश सदा ने यह भी कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संयोजक नहीं बनाया गया तो भी जेडीयू इंडिया गठबंधन में ही रहेगा।

नीतीश कुमार को संयोजक और पीएम का चेहरा नहीं बनाने से बीजेपी को रोकना संभव नहीं

बिहार के अनुसूचित जाति- जनजाति कल्याण मंत्री रत्नेश सदा ने अपना व्यक्तिगत सुझाव देते हुए कहा कि विपक्षी गठबंधन इंडिया की बेहतरी और बीजेपी को हराने के लिए नीतीश कुमार के चेहरे को आगे करना चाहिए। नीतीश कुमार को संयोजक बनाया जाना चाहिए और पीएम का चेहरा भी घोषित करना चाहिए।उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी गंठबंधन इंडिया ऐसा नहीं करता है तो बीजेपी केंद्र की सत्ता में तीसरी बार भी आ जाएगी। उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग हैं जो निचले तबके के लोगों को ऊपर की कुर्सी पर बैठते देखना नहीं चाहते हैं।

ममता बनर्जी करती हैं नीतीश के संयोजक बनाने का विरोध

नीतीश कुमार के संयोजक बनाने के लिए भले ही उद्धव ठाकरे ,अरविंद केजरीवाल,राहुल गांधी और लालू प्रसाद यादव जैसे नेता सहमत हों,लेकिन इंडिया गठबंधन के एक प्रमुख घटक तृणमूल कांग्रेस इसका विरोध कर रहा है। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी विपक्षी गठबंधन इंडिया में संयोजक पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे का पक्षधर हैं। उनका मानना है कि नीतीश कुमार के संयोजक बनने से आगामी चुनाव नरेंद्र मोदी वर्सेस नीतीश कुमार हो जाएगा और बीजेपी के लिए सत्ता में वापसी आसान हो जाएगी, जबकि मल्लिकार्जुन खड़गे को संयोजक बनाए जाने से आगामी चुनाव मोदी वर्सेस खड़गे ही जायेगा और मोदी के के लिए खड़गे पर व्यक्तिगत हमला कठिन हो जाएगा क्योंकि वे अनुसूचित जाति से आते हैं।इसके अलावा विपक्षी गठबंधन इंडिया को अतिरिक्त फायदा यह होगा अनुसूचित जाति का एक बड़ा वोट बैंक भी इसे मिल जाएगा जो इसके जीत का मार्ग प्रशस्त करेगा।

 

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