Homeदेशझारखंड विधानसभा अध्यक्ष के बयान पर गरमाई झारखंड की राजनीति

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष के बयान पर गरमाई झारखंड की राजनीति

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– बीरेंद्र कुमार झा

बीजेपी – जे एम एम के बीच आरोप -प्रत्यारोप

झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने भारतीय जनता पार्टी ( BJP) को बाबूलाल मरांडी की जगह किसी अन्य विधायक को अपना नेता चुन लेने की सलाह दी है, ताकि उन्हें नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिल सके। विधनसभा अध्यक्ष (Speaker) स्पीकर की इस सलाह पर झारखंड की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व स्पीकर रहे सीपी सिंह ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष एक राष्ट्रीय दल को सलाह देने वाले कौन होते हैं? वहीं प्रदेश प्रवक्ता ने इसे सरकार के दवाब में और झारखंड मुक्ति मोर्चा के इशारे पर दिया बयान करार दिया है. जबकि कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ने स्पीकर के बयान को राज्यवासियों के हितों की चिंता कर दिया गया बयान कहा है.

सविधनसभाअध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो का बयान

झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने बीजेपी को नेता प्रतिपक्ष का चयन करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि नेता प्रतिपक्ष के नहीं होने से सूचना आयुक्त और लोकायुक्त जैसे पद पर नियुक्ति नहीं हो रही है। बी जे पी में गैलेक्सी ऑफ लीडरशिप है। इसलिए वे बाबूलाल मरांडी की जगह किसी अन्य नेता का नाम दे दें, ताकि कई महत्वपूर्ण आयोगों का गठन हो सकें। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश से आग्रह किया था कि दल-बदल मामले का निस्तारण होने तक बाबूलाल मरांडी की जगह किसी अन्य विधायक को नेता प्रतिपक्ष बना दें, लेकिन इस पर कुछ नहीं हुआ

दीपक प्रकाश की तीखी प्रतिक्रिया

विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो के बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष आसन की गरिमा धूमिल कर रहे हैं।उनके बयान से संवैधानिक मर्यादाएं तार-तार हुई हैं।उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है, जैसे विधानसभा अध्यक्ष किसी दल विशेष के आधिकारिक प्रवक्ता बन गए हैं।दीपक प्रकाश ने इस बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि बीजेपी के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का सविधानसभा अध्यक्ष को कोई नैतिक और संवैधानिक अधिकार नहीं है।अच्छा होता अगर वे अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों का ईमानदारी से निर्वहन करते। दीपक प्रकाश ने कहा कि बीजेपी ने नेता विधायक दल चुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष को लिखित रूप में दिया है। जहां तक दलों के विलय का मामला है चुनाव आयोग उसपर अपनी संवैधानिक मुहर लगा चुकी है। इसके बावजूद विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा इसे न्यायाधिकरण के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया में उलझा दिया गया है। फैसले को भी लटकाया-अटकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दरअसल, राज्य सरकार के इशारे पर विधानसभा अध्यक्ष ने झारखंड विधानसभा को अधिकृत रूप में नेता प्रतिपक्ष से वंचित रखा है.

राष्ट्रीय पार्टी को कैसे सलाह दे सकते हैं विधानसभा अध्यक्ष

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और बीजेपी नेता सीपी सिंह ने सवाल किया कि विधानसभा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की जगह किसी अन्य बीजेपी विधायक को नेता प्रतिपक्ष चुन लेने की कैसे दे सकते हैं? सीपी सिंह ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब विधानसभा अध्यक्ष ने एक राष्ट्रीय पार्टी को इस प्रकार की सलाह दी है। वे ज्यादा से ज्यादा विधायक को सलाह दे सकते हैं, लेकिन किसी राष्ट्रीय पार्टी को सलाह देने का काम विधानसभा अध्यक्ष का नहीं होता है। सीपी सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपना काम जानती है और बीजेपी में ऐसे कई विद्वान नेता हैं जो पार्टी के नियम और संविधान के हिसाब से निर्णय लेते हैं। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और बीजेपी नेता सीपी सिंह ने कहा कि उनकी सलाह तो वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष को यह होगी कि जिस सरकार के नुमाइंदे हैं, उन्हें वह राज्य के हित में नेक और सही सलाह दें ताकि जनता का भला हो सके।

बीजेपी ने दी स्पीकर को सलाह

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो की सलाह पर पार्टी की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रवींद्र नाथ महतो का बयान स्पीकर पद की गरिमा के अनुसार नहीं है। बाबूलाल मरांडी बीजेपी के विधायकों की पसंद है। ऐसे में स्पीकर को यह बयान या सलाह नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी को यह लगता है कि स्पीकर, सरकार के दबाव में और झारखंड मुक्ति मोर्चा के इशारे पर इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने बीजेपी को बाबूलाल मरांडी की जगह किसी अन्य विधायक को नेता प्रतिपक्ष चुन लेने की विधानसभा अध्यक्ष की सलाह को राज्य हित में दी गयी सलाह करार दिया है। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष नहीं होने की वजह से कई महत्वपूर्ण पदों पर सरकार नियुक्ति नहीं कर पा रही है और राज्य की जनता को अपने हक और अधिकार पाने में परेशानी हो रही है। इसलिए विधानसभा अध्यक्ष ने जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी को ऐसी सलाह दी है। राकेश सिन्हा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में नीलकंठ सिंह मुंडा, सीपी सिंह जैसे कई अनुभवी और योग्य विधायक हैं, जिन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है।ऐसे में भारतीय जनता पार्टी बाहर से आए आयातित नेता पर ही क्यों भरोसा करना चाहती है, यह एक बड़ा सवाल है।

विधानसभाध्यक्ष का तर्क

विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि नेता प्रतिपक्ष के नहीं होने की वजह से सूचना आयुक्त और लोकायुक्त जैसे महत्वपूर्ण पद खाली पड़े हैं। कोर्ट ने सूचना आयुक्त और लोकायुक्त की नियुक्ति में हो रहे विलंब को लेकर विधानसभा से स्टेट्स की जानकारी मांगी थी।उसी आधार पर उन्होंने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दीपक प्रकाश को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि जब तक दलबदल मामले का निस्तारण नहीं हो रहा है, तबतक किसी अन्य नेता का चयन कर लें। लेकिन पिछले साल अक्टूबर माह में ही पत्र भेजने के बावजूद भाजपा की तरफ से रूख स्पष्ट नहीं किया गया।बता दें कि हाई कोर्ट ने धनंजय कुमार बनाम राज्य सरकार से जुड़े 5126/2021 मामले में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर स्पीकर से सदन का स्टेट्स पूछा था।इसी मामले में स्पीकर ने लोकायुक्त एक्ट की धारा 3 के हवाले से प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष से नेता प्रतिपक्ष का नाम चयनित करने का आग्रह किया था।

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