विकास कुमार
इंडिया गठबंधन में प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के लिए होड़ मची हुई है। एक अनार और सौ बीमार की कहावत तो आपने सुनी होगी। ये कहावत इंडिया गठबंधन पर बिल्कुल फीट बैठती है। अभी तक राहुल गांधी,ममता बनर्जी और नीतीश कुमार ही प्रधानमंत्री पद के दावेदार बताए जाते थे,लेकिन अब अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव का नाम भी सामने आ गया है।
समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता जूही सिंह ने एक बड़ी मांग की है,जूही सिंह ने कहा है कि वे चाहती हैं कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पीएम पद के उम्मीदवार बनें। जूही सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव में योग्यता है कि वे इतने बड़े प्रदेश के सीएम रहे हैं। अगर वो प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी होते हैं तो गठबंधन और देश के विकास के लिये बेहतर होगा।
अब आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पीएम कैंडीडेट बनाने की मांग उठी है। आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि वे चाहती हैं कि अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनें। प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि इतनी कमरतोड़ महंगाई में भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में महंगाई सबसे कम है। मुफ्त पानी, मुफ्त शिक्षा, मुफ़्त बिजली, महिलाओं के लिए मुफ़्त बस यात्रा, बुज़ुर्गों के लिए मुफ़्त तीर्थ यात्रा, फिर भी सरप्लस बजट पेश किया गया है। अरविंद केजरीवाल लगातार लोगों के मुद्दे उठाते हैं,और प्रधानमंत्री मोदी के आगे चैलेंजर के रूप में उभरे हैं। चाहे वो उनकी डिग्री का मामला हो या कुछ और, अरविंद केजरीवाल मुखर होकर बात रखते हैं।
प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के लिए टीएमसी सीएम ममता बनर्जी का नाम ले रही है तो वहीं आम आदमी पार्टी सीएम अरविंद केजरीवाल का नाम ले रही है। इसके अलावा जदयू का मानना है कि सीएम नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए। अगर इंडिया गठबंधन में प्रधानमंत्री पद के चेहरे के लिए सहमति नहीं बनी, तो हर रोज कोई नेता खुद को प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित कर देगा। ऐसे में लोगों के बीच इंडिया गठबंधन की छवि पर असर पड़ेगा। उम्मीद है कि मुम्बई में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में इन मुद्दों पर आम सहमति बनाई जाएगी। अगर प्रधानमंत्री पद के दावेदारी पर विवाद बना रहा तो इंडिया गठबंधन को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।