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17 वीं लोकसभा के कामों से खत्म हुआ पीढ़ियों का इंतजार, पीएम मोदी ने प्रस्तुत किया लेखाजोखा

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संसद के बजट सत्र का आज आखिरी दिन है।आज संसद में राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया गया है।इस पर सभी नेताओं ने भाषण दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 17वीं लोकसभा को लेकर अपनी सरकार और सदन की कार्यवाही का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया।

राम मंदिर से बढ़ेगी देश का आध्यात्मिक विकास

17 वीं लोकसभा में बजट सत्र की आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए अपनी सरकार का लेखा-जोखा प्रस्तुत करने के साथ ही राम मंदिर निर्माण को देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।उन्होंने कहा कि संसद में राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव से इसे एक संवैधानिक आधार मिल जायेगा।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया के तहत किया गया और इससे देश का आध्यात्मिक विकास होगा। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से देश मर्यादा के साथ तेजी से आगे की तरफ विकास करेगा।उन्होंने ने कहा कि बीजेपी का सबका साथ,सबका विकास और सबका विश्वास भी भगवान राम की प्रेरणा पर आधारित है।इस अवसर पर आने वाली चुनौतियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि खासकर ऐसे अवसरों पर जब कुछ लोग इसका साथ देते हैं और कुछ लोग इसका विरोध करते हैं तो ऐसे समय में उनकी शक्ति और बढ़ जाती है और वह पूरी तरह से एकात्मक भाव से अपने लक्ष्य में लगकर उसे लक्ष्य को सिद्ध करते हैं। प्रधानमंत्री के ऐसा कहने के पीछे उन लोगों के लिए एक तंज भी छिपा हुआ है ,जिन्होंने निमंत्रण मिलने के बावजूद 22 जनवरी को रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या जाना उचित नहीं समझा।

लोक सभा चुनाव लोकतंत्र की गरिमा

17 वीं लोकसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव अब ज्यादा दिन दूर नहीं है। उन्होंने कहा की चुनाव लोकतंत्र का आधार है। उन्होंने कुछ राजनीतिक दलों द्वारा विभिन्न तरीकों से सिर्फ जीत के बारे में सोचने को लेकर तंज करते हुए कहा कि वे अक्सर जीत नहीं होने को लेकर डरते हुए रहते हैं। वहीं उनकी सरकार और भारतीय जनता पार्टी चुनाव का बड़ा आनंद लेती है।भारतीय जनता पार्टी अपनी नीतियों के अनुसार चुनाव लड़ती हैं और चुनाव जीतती भी हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव भी दुनिया को चौंकाने वाला होगा।

विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था

17 वीं लोकसभा में किए गए कार्यों का विवरण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था का भी जिक्र किया उन्होंने का कि भारत ने इन सांसदों और भारत के आम लोगों के सहयोग से अर्थव्यवस्था में तेजी से वृद्धि की है।भारत आज ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया की 5 वीं अर्थव्यवस्था बन चुकी है।और अब यह जल्दी ही जापान और जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगी ।

कई कानूनों का डिक्रिमिलाइजेशन

संसद के बजट सत्र के अंतिम दिन सरकार की उपलब्धियां को गिनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने लगभग 1000 से ज्यादा कानूनों को विलोपित कर दिया।उन्होंने कहा कि अंग्रेजो के जमाने में बने ये कानून आज के समय में अप्रासंगिक हो गए थे और इन कानूनों की वजह से बहुत सारे लोगों को जेल जाना पड़ता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उदाहरण देकर समझते हुए कहा कि पहले अगर कोई संस्थान 6 महीने तक शौचालय की टैंक की सफाई नहीं करवाता था, तो उसके लिए जेल में डालने जैसी कानून बने हुए थे उन्होंने कहा कि ऐसे कानून को हटाकर हमने लोगों के लिए ऐसे कार्यों को अपने मन और विवेक से कार्य करने वाला कानून लाया है, ताकि अनावश्यक लोगों को जेल के चक्कर नहीं काटने पड़े।

अंग्रेजों के कानून से मुक्ति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17वीं लोकसभा के कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि इस दौरान सदन ने अंग्रेजों के जमाने के बने हुए आईपीसी, सीआरपीसी और जूरिसप्रूडेंस जैसे कानूनों को हटाकर उसकी जगह भारतीय न्याय शास्त्र पर आधारित कानून बनाया है। इस कानून का मुख्य उद्देश्य लोगों को जेल में डालना नहीं है, बल्कि लोगों में सुधारवादी प्रवृत्ति को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि पुलिस और न्यायालय के द्वारा अंग्रेजों के जमाने के बने कानून के आधार पर विलंब करने की प्रवृत्ति थी। पुलिस चार्जसीट दाखिल करने में विलंब करती थी और न्यायालय तारीख पर तारीख देकर विलंब करती थी। इस तरह न्याय मिलने में देरी होने की वजह से भ्रष्टाचार पनपता था। लेकिन अब जो नए कानून बने हैं, उसके अनुसार पुलिस को भी जल्दी ही अपने चार्ज शीट न्यायालय में दाखिल करना होगा और न्यायालय को भी 3 वर्ष के अंदर किसी मामले में फैसला देना होगा।

संसद की लाइब्रेरी सामान्य व्यक्ति के लिए खोला गया

17वीं लोकसभा के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की संसद की लाइब्रेरी के दरवाजे अब सामान्य व्यक्ति के लिए भी खोल दिए गए हैं। हालांकि उन्होंने इस पर सांसदों के लाइब्रेरी के उपयोग करने को लेकर चुटकी लेते हुए कहा कि जिनके लिए यह लाइब्रेरी बनी है वे इसका कितना उपयोग करते हैं इसकी उन्हें जानकारी नहीं है,लेकिन जब इस संसद की लाइब्रेरी के दरवाजे को सामान्य व्यक्ति के लिए खोल दिया गया है तो ज्ञान के इन खजाने और परंपराओं की विरासत जन सामान्य के लिए एक बड़ी सेवा होगी। इसके लिए उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया, जिनके वजह से ऐसा करना संभव हुआ था।

नई संसद भवन पर बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश को नए संसद भवन की जरूरत थी। इस बात को लेकर हर कोई चर्चा करता था,लेकिन ऐसा करने की हिम्मत उनमें नहीं थी। उन्होंने नए संसद भवन को बनाने का संकल्प लिया और आज यह देश की एक बड़ी उपलब्धि है। इस नए संसद भवन में एक विरासत का अंश और आजादी की पहले के पल को जीवंत रखने वाला सेंगोल को स्थापित करने का काम किया गया था।आज सेंगोल को भी एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जाता है।कई कार्यक्रमों के दौरान इसका महत्वपूर्ण रूप से प्रदर्शन किया जाता है।

पहले आतंकवाद देश के सीने पर चलते थे गोलियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 में लोकसभा के दौरान आतंकवाद पर नकेल कसने को अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धियां बताई। उन्होंने कहा कि पहले आतंकवाद नासूर बनकर देश के सीने पर गोलियां चलाते रहता था ।मां भारती की धरा आए दिन रक्त रंजित हो जाती थी।देश में अनेक वीर आतंकवाद की बलि चढ़ जाते थे ,लेकिन हमने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कानून बनाकर इसे लगभग नेस्तनाबूत कर दिया है।

पिछली पीडिया का इंतजार हुआ खत्म

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र के अंतिम दिन कहा कि लोकसभा का यह सत्र गेम चेंजर रहा है। इस दौरान 21 वीं सदी के भारत की नींव रखते हुए विभिन्न सुधार लागू किए गए हैं। भारत अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ा है। मैं यह बात बहुत संतुष्टि के साथ कह सकता हूं कि जिन बदलावों का पिछली पीढ़ियां ने लंबे समय से इंतजार किया था वह सभी 17 वीं लोकसभा के दौरान साकार हुए हैं।

मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से दिलाई मुक्ति

तीन तलाक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कितने उतार-चढ़ाव से हमारी मुस्लिम बहनें तीन तलाक का इंतजार कर रही थी। अदालतों ने उनके पक्ष में निर्णय दिए थे, लेकिन उन्हें वह हक नहीं मिल रहा था। मजबूरी से गुजारा करना पड़ता था। तीन तलाक से मुक्ति का और नारी शक्ति के सम्मान का काम 17वीं लोकसभा ने किया है।

अनुच्छेद 370 पर बोले प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 370 पर बोलते हुए कहा कि 17वीं लोकसभा के माध्यम से कई काम पूरे हुए। अनेक पीढ़ियों ने एक संविधान के लिए सपना देखा था। लेकिन हर पल संविधान में दरार दिखाई देती थी। इसी सदन ने अनुच्छेद 370 हटाकर संविधान के पूर्ण रूप का प्रगतिकरण किया। जम्मू कश्मीर के लोगों को पहले कई प्रकार के न्याय से वंचित रखा गया था,लेकिन आज उन्हें भी न्याय मिल रहा है।

सांसद निधि छोड़ने के प्रस्ताव पर बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैंने सांसदों का इस बात के लिए आभार व्यक्त करता हूं कि कोविड संकट काल में देश की आवश्यकताओं को देखते हुए जब सासंद निधि छोड़ने का प्रस्ताव मैंने माननीय सांसदों के सामने रखा, तो बिना एक पल गंवाए सभी सांसदों ने इस प्रस्ताव को मान लिया।।

पीएम मोदी ने कोविड के समय का क्या जिक्र

कोविड के चुनौती पूर्ण समय को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं संसद सदस्यों के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिन्होंने जरूरत के समय बिना सोचे समझे अपने विशेष अधिकार छोड़ने का फैसला किया। भारत के नागरिकों को प्रेरित करने के लिए माननीय सदस्यों ने अपने-अपने वेतन और भत्ते में 30 फ़ीसदी की कटौती करने का निर्णय लिया।

5 साल रिफॉर्म परफॉर्म में ट्रांसफॉर्म के नाम

प्रधानमंत्री ने 17वीं लोकसभा के क्रियाकलाप को बताते हुए कहा किया 5 साल का समय देश में रिफॉर्म परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के नाम रहा। ऐसा बहुत कम होता है कि सुधार और प्रदर्शन दोनों होते हैं और हम परिवर्तन को अपनी आंखों के सामने देख सकते हैं। देश 17 में लोकसभा के माध्यम से इसका अनुभव कर रहा है और मेरा दृढ़ विश्वास है कि देश 17वीं लोकसभा को आशीर्वाद देना जारी रखेगा।

लोगों को सरकार की मदद की कम से कम जरूरत पड़े

17वीं लोकसभा में अपनी सरकार की उपलब्धियां को बताते हुए बजट सत्र के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कहा की आज देश के लाखों लाख लोगों को सरकार द्वारा कई प्रकार के समर्थन और सुविधाओं को देने की जरूरत पड़ रही है। उन्होंने की कहा कि सरकार ऐसा कर भी रही है, लेकिन उनकी सरकार का यह दृढ़ मत है कि आने वाले समय में देशवासियों के स्तर और सोच को इस कदर बढ़ा दें कि, उन्हें सरकार की मदद या सरकार की मध्यस्थता की कम से कम जरूरत पड़े और वह बिना सरकार के द्वारा किए जाने वाले किसी टोका टोकी के प्रगति के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ते रहें।

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