न्यूज़ डेस्क
भारत में मुगलों की बनाई इमारतें आज भी आकर्षित करती है लोगों को। लेकिन पीएम मोदी की बनाई ऐतिहासिक नया संसद भवन भी लोगो के आकर्षण का केंद्र होगा। सरकार तो आती जाती रहती है लेकिन किसी सरकार द्वारा बनाई गई इमारते ऐतिहासिक हो जाती है। अंग्रेजो के बनाये गए संसद भवन के सामने पीएम मोदी की देखरेख में तैयार हुआ नया संसद भवन आजाद भारत का एक ऐसा नमूना है जिसके निर्माता के रूप में मोदी सदा यद् किये जायेंगे।
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई 2023 को नवनिर्मित संसद भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। उन्होंने पीएम को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया। लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, नए संसद भवन का निर्माण अब पूरा हो गया है। नया भवन आत्मनिर्भर भारत की भावना का प्रतीक है।
जानकारी के मुताबिक, चार मंजिला नए संसद भवन में मंत्रियों और पार्टियों का ही नहीं, सांसदों का भी अपना कमरा होगा। पुराने संसद के मुकाबले इसमें सब कुछ बदला-बदला नजर आएगा। संसद से जुड़े मार्शल और कर्मचारी राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान की डिजाइन की हुई नई वेशभूषा में नजर आएंगे।
लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों ने पांच अगस्त 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था। इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के नए भवन का शिलान्यास किया था। संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है। अब संसद का नवनिर्मित भवन जहां एक और भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों को और अधिक समृद्ध करने का कार्य करेगा, वहीं अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस भवन में सदस्यों को अपने कार्यों को और बेहतर तरीके से परफॉर्म करने में भी सहायता मिलेगी।
संसद के वर्तमान भवन में लोकसभा में 550 जबकि राज्यसभा में 250 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था है। भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए संसद के नवनिर्मित भवन में लोकसभा में 888 जबकि राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था की गई है। दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा चैम्बर में ही आयोजित होगा।
नए संसद भवन में सेंट्रल हॉल नहीं होगा। इसकी जगह कमेटी हॉल होगा। इसमें विशेष तौर पर बेहद खूबसूरत संविधान कक्ष बनाया गया है। इसके अतिरिक्त लाउंज, पुस्तकालय, कैंटीन की सुविधा उपलब्ध होगी। भविष्य में संसद के दोनों सदनों में सांसदों की संख्या बढ़ने की संभावना का नए संसद भवन के निर्माण में ख्याल रखा गया है। इसमें 1,224 (लोकसभा के 888 और राज्यसभा के 384) सांसदों के बैठने की व्यवस्था है।
दरअसल, साल 1971 के बाद से लोकसभा और राज्यसभा में सांसदों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है। कई बार 33 फीसदी संख्या बढ़ाने पर विचार हुआ। वर्तमान में 25 लाख की आबादी पर एक सांसद है जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसे पुराने संसद भवन से 17,000 वर्ग मीटर बड़ा बनाया गया है।


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