बीरेंद्र कुमार झा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद की विशेष सत्र को संबोधित किया।इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने संसद भवन में बीते 75 साल के ऐतिहासिक लम्हों का जिक्र किया। उन्होंने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के उसे भाषण का जिक्र किया जो उन्होंने आजादी के बाद दिया था।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसी संसद भवन में जवाहरलाल नेहरू ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से भारत की आजादी को चिन्हित करते हुए अपना मशहूर स्ट्रोक आफ मिडनाइट भाषण दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने संसद भवन को छोड़ने को एक भावुक करने वाला पल बताया। गौरतलब है कि मंगलवार से संसद की कार्यवाही नए बने सदन में होगी।
ताज की पुरानी यादें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सम्बोधन के दौरान पुराने संसद भवन के निर्माण से जुड़ी बातों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि भले ही इस परिसर का निर्माण विदेशी शासको ने कराया था, लेकिन इसको बनाने में लगने वाली कड़ी मेहनत और पैसा हमारे ही देश के लोगों का था। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान 3 की सफल लॉन्चिंग और जी – 20 सम्मेलन के सफल आयोजन की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि G- 20 का सफल आयोजन किसी व्यक्ति या पार्टी की नहीं,बल्कि देश के 140 करोड लोगों की सफलता है।उन्होंने कहा कि यह भारत की ताकत थी,जिसेने जी-20 घोषणा पत्र में आम सहमति बनाई थी,जिसमें चल रहे रूस – यूक्रेन संकट पर पैराग्राफ शामिल थे।
शास्त्री अटल और मनमोहन का जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पंडित नेहरू, शास्त्री जी, अटल जी और मनमोहन सिंह जी तक देश का नेतृत्व करने वालों की बड़ी संख्या रही है।सभी ने देश को नए रंग रूप में ढालने का काम किया है।आज उनके गौरव खान का अवसर है। चंद्रशेखर लाल कृष्ण आडवाणी, जैसे नेताओं ने सदन की चर्चाओं को समृद्ध किया। उन्होंने कहा कि देश को तीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू,लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी को उनके कार्यकाल के दौरान खोना पड़ा और सदन में उमंग तथा उत्साह के पलों बीच आंसू भी बहे हैं ।उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेई ने इसी सदन में कहा था कि सरकारें आएंगी, जाएंगी ,पार्टियां बनेगी बिगड़ेंगी लेकिन यह देश रहना चाहिए।उन्होंने कहा की पंडित नेहरू के प्रारंभिक मंत्री परिषद में मंत्री के रूप में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रतिक्रियाएं भारत में लाने में जोर देते थे और इसका परिणाम देश को आज भी लाभ के रूप में मिल रहा है। मोदी ने कहा कि वाजपेई ने परमाणु परीक्षण करके दुनिया को देश की ताकत भी दिखाई।उन्होंने कहा कि लेकिन इसी सदन में मनमोहन सिंह की सरकार के समय देश ने नोट के बदले वोट कांड को भी देखा।
महिला सदस्यों पर रखी बात
मोदी ने कहा कि सदन में समाज के हर वर्ग का प्रतिनिधित्व नजर आता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक, आर्थिक पृष्ठभूमियों, गांव – शहरों समेत पूर्ण रूप से समावेशी वातावरण यहां देखने को मिलता है।उन्होंने कहा की संसदीय इतिहास के प्रारंब से लेकर अबतक यहां 7500 सदस्यों ने प्रतिनिधित्व किया है,जिसमें करीब 600 महिला सदस्य रही है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे महिला सदस्यों की संख्या बढ़ती गई है।गौरतेलब है कि विशेष संसद सत्र के दौरान विभिन्न पार्टियों ने महिलाओं के आरक्षण विधायक को लेकर आवाज उठाई है। मोदी ने कहा कि इसी सदन की शक्ति है कि इंद्रजीत गुप्ता जैसे सांसद 43 साल तक सदन में रहे ,तो आज सफीकुर रहमान बर्क 93 वर्ष की आयु में भी सदन में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि 25 साल की चंद्रमणि मुर्मू सदन की सदस्य बनी।