न्यूज़ डेस्क
ये बात अलग है कि अभी इजरायल के साथ बहुत से देश खड़े हैं लेकिन दुनिया भर की जनता जिस तरह से फिलिस्तीन के समर्थन में खड़ी होती जा रही है उससे यह माना जा रहा है कि आने वाले समय में इजरायल के खिलाफ बड़ा आंदोलन दुनिया भर में कहा हो सकता है और उसकी परेशानी भी बढ़ सकती है। इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध में बड़ी संख्या में निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं। महिलाओं और बच्चो को निशाना बनाया गया है। करीब 50 हजार से ज्यादा गर्भवती महिलाये भी युद्ध क्षेत्र में घिरी हुई है।
इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष में फिलिस्तीनियों के प्रति समर्थन दिखाने के लिए यूरोप, मध्य पूर्व और एशिया के कई शहरों में लाखों प्रदर्शनकारियों ने रैलियां निकाली।सबसे बड़े प्रदर्शनों में से एक का आयोजन लंदन में किया गया और आकाशीय वीडियो से पता चलता है कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी ब्रिटेन की राजधानी में प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सरकार से संघर्ष को रोकने की मांग की।
अमेरिकी रुख से सहमति व्यक्त करते हुए, सुनक सरकार ने संघर्ष विराम का आह्वान करना बंद कर दिया है और इसके बदले गाजा तक सहायता पहुंचाने की अनुमति देने की वकालत की है। ब्रिटेन ने इजरायल में 07 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद अपनी रक्षा करने के इजरायल के अधिकारों का समर्थन किया है।
इजरायल पर हमास के हमलों पर पश्चिमी देशों की सरकारों और कई नागरिकों में इजरायल के लिए मजबूत समर्थन और सहानुभूति दिख रही है, लेकिन इजरायल की जवाबी कार्रवाई ने विशेष रूप से अरब और अन्य मुस्लिम देशों को क्रोधित कर दिया है।
बता दें कि मलेशिया के कुआलालम्पुर में अमेरिकी दूतावास के बाहर प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ ने नारेबाजी की। तुर्की के इस्तांबुल में एक विशाल रैली में लाखों लोग शामिल हुए। इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में, फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों ने हेब्रोन की सड़कों पर इजरायली उत्पादों के वैश्विक बहिष्कार का आह्वान किया। उन्होंने नारा लगाया कि फिलिस्तीन के बच्चों की हत्या में योगदान न करें।
यूरोप के अन्य जगहों कोपेनहेगन, रोम और स्टॉकहोम की सड़कों पर भी लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।
फ्रांस के कुछ शहरों में 07 अक्टूबर के बाद रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, क्योंकि उन्हें डर है कि इससे सामाजिक तनाव बढ़ सकता है, लेकिन पेरिस में प्रतिबंध होने के बावजूद शनिवार को एक छोटी रैली आयोजित हुई और दक्षिणी शहर मार्सिले में भी कुछ हजार लोगों ने रैलियां निकाली।
उधर ,न्यूजीलैंड की राजधानी वेलिंगटन में हजारों लोगों ने फिलिस्तीनी झंडे और तख्तियां लेकर संसद भवन तक मार्च किया और फिलिस्तीन की आजादी मांग की। लंदन में इजरायली दूतावास के आसपास विरोध प्रदर्शनों को प्रतिबंधित करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी।
शनिवार का प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा लेकिन पुलिस ने कहा कि उन्होंने दो गिरफ्तारियां की हैं, एक प्रदर्शन मार्ग पर एक पुलिस अधिकारी पर हमला करने के बाद और दूसरा सार्वजनिक रूप से नस्लीय टिप्पणी करने के बाद। पुलिस ने इस प्रदर्शन में 50,000 से 70,000 लोगों के आने का अनुमान लगाया।लंदन पुलिस को हाल के दिनों में इस बात के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है कि उसने पिछले सप्ताह राजधानी में एक अन्य फिलिस्तीनी समर्थक प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा लगाए गए नारों पर सख्ती नहीं की जिसमें लगभग 10,000 लोग शामिल हुए थे।

