न्यूज़ डेस्क
भारत में बीबीसी पर की गई छापेमारी को लेकर ब्रिटेन की संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने है। संसद में कई दिन से ये मसले उठ रहे हैं और विपक्ष लगातार सरकार से सवाल कर रहा है कि आखिर कैसे बीबीसी पर छापेमारी की गई ? ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स के मेंबर जिम शैनन ने सरकार से इस मामले में जवाब देने को कहा। इस पर सुनक सरकार के सांसद डेविड रटले ने कहा कि हम बीबीसी के लिए खड़े हैं।
ब्रिटिश संसद बीबीसी की फंडिंग करती है और हम उसकी आजादी का सम्मान करते हैं।रटले ने कहा-बीबीसी के पास बात कहने की आजादी है जो हमारे हिसाब से ये बेहद जरूरी है। हम ये बात हमारी दोस्त भारत सरकार से भी कहना चाहेंगे। मीडिया की आजादी लोकतंत्र में बेहद जरूरी है। हालांकि, उन्होंने रेड को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की। बता दें कि ब्रिटेन में भी बीबीसी कंजर्वेटिव और लेबर दोनों पार्टियों का विरोध करती आई है। भारत से अपने रिश्तों का जिक्र करते हुए रटले ने यूके और भारत के बीच गहरी दोस्ती है और बाकी मुद्दों के साथ ही इस पर भी भारत सरकार से बातचीत जारी है। ब्रिटिश सरकार की पूरे मामले पर नजर बनी हुई है। बीबीसी केवल अपने स्टाफ का समर्थन कर रही थी और उनके लिए कॉन्सुलर समर्थन उपलब्ध है। वहीं कंजर्वेटिव पार्टी की सांसद जूलियन लुइस ने कार्रवाई को बेहद चिंताजनक बताया।
विपक्ष ने आईटी छापेमारी को गलत बताया
ब्रिटेन की सांसदों ने निचले सदन में अर्जेंट क्वेश्चन के जरिए ये मुद्दा उठाया गया। डिबेट के दौरान सांसद जिम शैनन ने कहा कि भारत के लीडर के खिलाफ रिलीज हुई डॉक्यूमेंट्री को देखते हुए ये धमकाने की एक कोशिश थी। लेबर पार्टी के एक और सांसद फैबियन हैमिल्टन ने कहा कि BBC पर ये कार्रवाई ब्रिटेन के लिए चिंता का विषय है फिर चाहे इसके पीछे कोई भी वजह रही हो। इसे लेकर दोनों सरकारों में बातचीत की जानकारी दी जानी चाहिए।
दिल्ली-मुंबई ऑफिस पर आईटी ने डाली थी रेड
बता दें कि 14 फरवरी को दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के दफ्तरों पर आईटी विभाग ने छापा मारा था। आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक बीबीसी पर इंटरनेशनल टैक्स में गड़बड़ी का आरोप लगा था। बीबीसी ने ट्वीट कर कहा था- आयकर विभाग की टीम दिल्ली और मुंबई ऑफिस में मौजूद हैं। हम उन्हें पूरा सहयोग कर रहे हैं। सर्वे का काम जारी है। इस दौरान टीम ने फाइनेंस डिपार्टमेंट के लोगों के मोबाइल, लैपटॉप-डेस्कटॉप जब्त किए थे।
तब कांग्रेस ने की थी सरकार की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा। कांग्रेस ने तो इसे आपत्काल की स्थिति तक बता दी थी। उसने कहा कि मीडिया पर ऐसी कार्रवाई आज तक गई। लगता है सरकार अघोषित आपातकाल लगा रही है।

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