विकास कुमार
मराठा आरक्षण का मुद्दा महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे की गले की फांस बन गया है। वहीं इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर अब बीजेपी नेता पंकजा मुंडे का भी बयान सामने आया है। पंकजा मुंडे ने कहा कि बयान देकर मराठों को आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। मराठा आरक्षण को लेकर दिए बयान में पंकजा मुंडे ने कहा कि मराठा आरक्षण जैसे जटिल मुद्दे को बयानों के जरिए हल नहीं किया जा सकता है। मैं लगातार कहती रही हूं कि मराठों को आरक्षण मिलना चाहिए,ऐसा करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाना चाहिए। मराठा संगठनों को विश्वास में लिया जाना चाहिए और इस प्रक्रिया में पर्याप्त रूप से परामर्श किया जाना चाहिए। इसे कानूनी और संवैधानिक परीक्षण का सामना करना होगा।
वहीं सीएम एकनाथ शिंदे ने भी मराठा आरक्षण को लेकर बयान दिया है। शिंदे ने कहा कि कैबिनेट ने मराठवाड़ा क्षेत्र के उन मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने का फैसला किया है,जिनके पास निजाम युग के राजस्व या शिक्षा दस्तावेज हैं। शिंदे ने कहा कि, कुनबी को राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के तहत वर्गीकृत किया गया है। मराठवाड़ा में मराठा समुदाय से जुड़े जिन लोगों के लिए निजाम युग के राजस्व और शिक्षा के दस्तावेजों में कुनबी होने का ज़िक्र किया गया है उन्हें कुनबी प्रमाण पत्र मिलेगा। मराठवाड़ा क्षेत्र महाराष्ट्र का हिस्सा बनने से पहले पूर्ववर्ती हैदराबाद साम्राज्य का हिस्सा था। सेवानिवृत न्यायाधीश संदीप शिंदे कुनबी कहे जाने वाले मराठा समुदाय के सदस्यों को जाति प्रमाण पत्र देने के लिए एसओपी का निर्धारण करेगी। ये समिति एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
मराठा आरक्षण जैसे जटिल मुद्दे पर चर्चा के लिए डिप्टी सीएम अजित पवार ने भी बैठक बुलाई है। अगर मराठा आरक्षण की समस्या का हल नहीं निकाला गया तो शिंदे सरकार को चुनाव में बड़ा झटका लग सकता है।