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नीतीश ने इंडिया गठबंधन का साथ छोड़ा तो बढ़ेगी परेशानी,ममता को मनाने में जुटे खड़गे

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इंडिया गठबंधन के लिए एक और बुरी खबर सामने आ रही है। पश्चिम बंगाल और पंजाब के बाद अब इसे बिहार में भी झटका लग सकता है। जेडीयू सुप्रीमो और नीतीश कुमार जिन्होंने इंडिया गठबंधन को बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी,वे अब जल्दी ही इंडिया गठबंधन को छोड़कर बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन में शामिल हो सकते हैं।इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को सीट शेयरिंग का समाधान खोजने के लिए तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी से बात की है।गौरतलब है कि ममता बनर्जी कि उस घोषणा से कांग्रेस की चिंता काफी बढ़ गई है कि बंगाल में सीट बंटवारे पर कोई बातचीत नहीं चल रही है।इसके अलाव टीएमसी ने राज्य में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी है।

टीएमसी को साथ लेने का कांग्रेस का प्रयास

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश की हवाले से बताया जा रहा है की कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के आगे का रास्ता ढूंढने के लिए गुरुवार को खड़गे ने ममता बनर्जी से संपर्क किया है।हालांकि उन्होंने दोनों के बीच हुई बातचीत की जानकारी साझा करने से इनकार किया, लेकिन उन्होंने इतना कहा कि ममता और इंडिया गठबंधन का उद्देश्य समान है। दोनों बंगाल और बंगाल के बाहर बीजेपी को हराना चाहते हैं।सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मल्लिकार्जुन खड़गे ने ममता बनर्जी को एक पत्र भी भेजा था जिसमें उन्हें बंगाल के राहुल गांधी की न्याय यात्रा के दौरान उसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। टीएमसी ने दावा किया था कांग्रेस ने उन्हें इसके बारे में सूचित भी नहीं किया था। जयराम रमेश ने एक समाचार एजेंसी से कहा कि राहुल और पार्टी में हर कोई उन्हें भारत जोड़ो न्याय यात्रा का हिस्सा बनकर बहुत प्रसन्न और गौरवान्वित महसूस करेगा, भले ही यह कुछ मिनट के लिए ही क्यों ना हो। गौरतलब है कि कांग्रेस का यह प्रयास टीएमसी को इंडिया गठबंधन में वापस लाने की कोशिश है।

बंगाल में सीट बंटवारे को विफल कर रहे अधीर रंजन चौधरी

तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख और अधीर रंजन चौधरी को सीट बंटवारे की सफलता के लिए जिम्मेदार ठहराया है।टीएमसी के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि बंगाल में गठबंधन के काम नहीं करने के तीन कारण है ,अधीर रंजन चौधरी, अधीर रंजन चौधरी और अधीर रंजन चौधरी। इसके जवाब में अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वह ब्रायन एक विदेशी है।वह बहुत कुछ जानते हैं,आपको उनसे पूछना चाहिए।

नीतीश कुमार का इंडिया गंठबंधन छोड़ एनडीए में शामिल होने से बढ़ेगी कांग्रेस की मुश्किलें

गुरुवार को इंडिया गठबंधन को उस अटकलों ने परेशान कर दिया,जिसमें नीतीश कुमार को फिर से बीजेपी के साथ दोस्ती की बात कही जा रही है। बिहार के मुख्यमंत्री का इंडिया गठबंधन से बाहर जाना कांग्रेस के लिए भी एक बड़ा झटका होगा क्योंकि नीतीश कुमार ने ही पिछले साल 23 जून को इंडिया गठबंधन की नींव रखी थी।15 विपक्षी दल के नेताओं ने पटना में नीतीश कुमार के आधिकारिक आवास पर मुलाकात की थी और बीजेपी से मुकाबला करने के लिए गठबंधन बनाने का फैसला किया था।

नीतीश कुमार पहले से दे रहे थे इंडिया गठबंधन से मोहभंग होने का संदेश

अपने भिन्न-भिन्न वक्तव्यों से,भाव भंगिमाओं से इंडिया गठबंधन से मोहभंग होने का संदेश दे रहे थे।इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद बिना संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस किये,वापस पटना आ जाने जैसे कई संकेत नीतीश कुमार बार-बार दे रहे थे कि उनका इंडिया गठबंधन से मोहभंग होता जा रहा है। हाल ही में उन्होंने इंडिया गठबंधन का संयोजक बनने का प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था और उन्होंने जनता दल यूनाइटेड की कमान खुद संभाल ली और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को नाटकीय ढंग किया ढंग से हटा दिया ताकि वे खुद एनडीए से तोलमोल कर सकें

कुछ कांग्रेसी इसे झटका तो कुछ को आरजेडी के साथ दिख रहा अवसर

कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस के एक बड़े घड़े को यह लगता है कि नीतीश कुमार का इंडिया गठबंधन से बाहर जाना एक घातक झटका हो सकता है। नीतीश के चले जाने से बीजेपी के लिए इंडिया गठबंधन पर आक्रमण करना और उसे घेरना बहुत आसान हो जाएगा।

गौरतलब है कि कांग्रेस को हाल की विधानसभा चुनाव में मिली हार ने उसे हिंदी पट्टी से लगभग मिटा सा दिया है। ऐसे में इंडिया गठबंधन की उम्मीद काफी हद तक बिहार और कुछ हद तक उत्तर प्रदेश पर टिकी हुई है। नीतीश कुमार के बाहर जाने से यहां का भी चुनावी गणित गड़बड़ा सकता है।हालांकि कांग्रेस नेताओं की एक वर्ग को यह उम्मीद है कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव इसकी भरपाई कर सकते हैं और सहानुभूति वोट लाकर इंडिया गठबंधन को लोकसभा चुनाव में बिहार बढ़त दिला सकते हैं।

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