बीरेंद्र कुमार झा
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली प्रचंड जीत और अभी हाल ही में उद्धव ठाकरे बनाम एकनाथ शिंदे के मामले पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए फैसले के बाद महाराष्ट्र में विपक्षी पार्टियों की ओर से राज्य से बीजेपी को बेदखल करने की तैयारी शुरू हो गई है महाराष्ट्र में विपक्ष और महा विकास आघाडी की प्रमुख दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना (UBT) की ओर से एक बार फिर एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के गठबंधन वाली सरकार के खिलाफ कार्य योजना पर काम शुरू हो गया है।
एमसीपी कोर कमेटी की मुंबई में हुई बैठक
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली प्रचंड जीत और बीजेपी की हार के बाद महाराष्ट्र में विपक्षी पार्टियों की हलचल बीजेपी के खिलाफ काफी तेज हो गई है इसी का नतीजा है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव की मतगणना 13 मई 2023 के 3 दिन बाद ही महाराष्ट्र के प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(NCP) की कोर कमेटी की बैठक पिछले बुधवार (17 मई) को मुंबई में आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने की। एनसीपी कोर कमेटी की बैठक में कर्नाटक में बीजेपी की हार के बाद देश की राजनीतिक हालात पर चर्चा के साथ यह संभावना भी तलाशी गई कि महाराष्ट्र में बीजेपी और एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना की गठबंधन वाली सरकार को लेकर क्या कुछ नया किया जा सकता है।
महाराष्ट्र में कर्नाटक जैसी सत्ता विरोधी लहर
एनसीपी के प्रवक्ता महेश तापसे के अनुसार मुंबई में शरद पवार की अध्यक्षता में एनसीपी की कोर कमेटी की बैठक में स्थानीय निकाय और आम चुनाव के मद्देनजर कार्यकर्ताओं को तैयार करने के लिए पार्टी संगठन के मामलों पर व्यापक रणनीति पर चर्चा की गई।उन्होंने कहा कि यह बैठक इस बात को देखते हुए काफी मायने रखती है कि महाराष्ट्र में भी शिंदे – फडणवीस सरकार के खिलाफ कर्नाटक जैसी सत्ता विरोधी लहर है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से विपक्ष को मिला बल
दरअसल एनसीपी और शिवसेना (UBT) को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के साथ ही 11 मई को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए फैसले से भी बल मिला है। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे बनाम एकनाथ शिंदे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई 2023 को अपने एक फैसले में तत्कालीन राज्यपाल कोश्यारी की ओर से उठाए गए कदम को सही नहीं कहा था। फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उस वक्त उद्धव ठाकरे को गिराने के लिए बहुमत साबित करने का आदेश देना अवैध था।
बिहार के सत्ता परिवर्तन से भी मिला सबक
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद महाराष्ट्र में बीजेपी के विरोध में विपक्षी पार्टियों ने बिहार के सत्ता परिवर्तन से सबक लेते हुए अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं अगस्त 2022 में बिहार में सत्ता परिवर्तन हुआ था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से नाता तोड़कर राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर एक बार फिर महागठबंधन की सरकार बनाई इससे पूरे देश की राजनीति में एक बड़ा परिवर्तन देखा गया और बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता को मजबूत करने की मुहिम चल पड़ी बिहार की राजनीति से प्रेरणा लेते हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राज्य स्तर पर एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के गठबंधन वाली सरकार के खिलाफ एकबार फिर से मुहिम तेज हो गई है।
विपक्ष का गेम प्लान
विपक्ष और खासकर एनसीपी को यह लगने लगा है कि कर्नाटक की तर्ज पर वह अभी से ही एकनाथ शिंदे की सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर को भुनाने का प्रयास करेगी तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में विपक्ष को फायदा हो सकता है।यही वजह है कि एनसीपी अभी से ही स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं को तैयार करने में जुट गई है पार्टी प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि एनसीपी के आंतरिक संगठन चुनाव की घोषणा जल्द ही की जाएगी और इसके लिए वरिष्ठ नेता जयप्रकाश दांडेगांवकर और दिलीप बलसे पाटील महाराष्ट्र और मुंबई शेत्र के लिए निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। एनसीपी के इस कवायद का मकसद सबसे पहले पार्टी को मजबूत करना है और इसके बाद महा विकास आघाडी के घटक दलों को साथ लेकर बूथ स्तर से लेकर जिला और विधानसभा स्तर तक जनता से संवाद करना है, ताकि महाराष्ट्र के लोगों को एकनाथ शिंदे सरकार की नाकामयाबीयों के बारे में बताया जा सके और उद्धव सरकार को गिराने के लिए बीजेपी के साथ किए गए गठजोड़ को जिम्मेवार ठहराया जा सके।