Homeदेशविपक्ष का केंद्र सरकार पर पक्षपात पूर्ण बजट पेश करने का आरोप

विपक्ष का केंद्र सरकार पर पक्षपात पूर्ण बजट पेश करने का आरोप

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नरेंद्र मोदी की 3.0 सरकार का निर्मला सीतारमण द्वारा पेश पहले बजट को विपक्ष ने पहले तो बिहार और आंध्र प्रदेश का बजट बताकर एनडीए खेमे में फूट डालने का प्रयास किया और इसके बाद अब इसे पक्षपात पूर्ण बताते हुए केंद्र पर गैर बीजेपी शासित राज्यों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए सदन से लेकर नीति आयोग तक की बैठकों में विरोध करने का मन बना लिया है।माना जा रहा है कि बजट में अपने राज्यों की अनदेखी किए जाने से नाराज विपक्षी गठबंधन इंडिया के कम से कम चार मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठकों मैं हिस्सा नहीं लेंगे।इनमें 3 मुख्यमंत्री कांग्रेस से और 1 मुख्यमंत्री डीएमके के होंगे।गौरतलब है कि नीति आयोग की बैठक 27 जुलाई को है। नीति आयोग की बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री सदस्य होते हैं। इसके अलावा बुधवार को विपक्षी राजनीतिक दलों का वाठबंधन इंडिया संसद भवन परिसर में भी विरोध प्रदर्शन करने का विचार है।

इंडिया गठबंधन का घटक दल डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने राज्य के साथ बजट में हुए अन्याय के खिलाफ पहले से ही नीति आयोग के बैठक का बहिष्कार का ऐलान कर दिया है।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के पक्षपात पूर्ण बजट पेश करने का विरोध करने की योजना बनाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में इंडिया के घटक दलों की संसदीय दल के नेताओं की बैठक हुई।इस बैठक में आम बजट पर विस्तार से चर्चा हुई।खड़गे के सरकारी आवास में आवास पर हुई इस बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित कई दलों के नेता मौजूद थे। बैठक में मौजूद एक नेता ने कहा कि बैठक में बजट में गैर बीजेपी शासित राज्यों को नजरअंदाज करने के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई। बजट में भेदभाव को लेकर घटक दलों में काफी नाराजगी है। बैठक में ही इंडिया एलाइंस के मुख्यमंत्री द्वारा नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान हुआ।

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि इंडिया के घटक दलों ने बजट पर चर्चा की है। यह बजट तीन चौथाई हिंदुस्तान खासकर गैर बीजेपी सरकार वाले राज्यों को पूरी तरह से नजरअंदाज करता है। इसके खिलाफ इंडिया गठबंधन बुधवार को संसद भवन परिषद में विरोध प्रदर्शन करेगा। इसके साथ ही इंडिया गठबंधन ने सदन के अंदर भी इसे लेकर आवाज उठाने का फैसला किया है।

प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह बीजेपी का बजट नहीं है,बल्कि पूरे देश का बजट है।लेकिन सरकार ने बजट को इस तरह से पेश किया है, जैसे यह बीजेपी का बजट हो।दरअसल बजट में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पंजाब को नजरअंदाज किए जाने को लेकर काफी नाराजगी है। तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के सांसदों ने तो बजट भाषण के दौरान ही अपना विरोध दर्ज कराया था।

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