विकास कुमार
मणिपुर में हालात का जायजा लेने के लिए विपक्षी गठबंधन इंडिया का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य के दौरे पर है। इस प्रतिनिधिमंडल में 21 सांसद शामिल हैं, करीब तीन महीने से हिंसा से जूझ रहे मणिपुर की हालात को समझने के लिए विपक्षी दलों ने ये कदम उठाया है। मणिपुर के राहत शिविरों में लोगों से बातचीत करना और उनकी तकलीफें समझना इस कार्यक्रम का हिस्सा है। नेताओं ने चुराचांदपुर के राहत शिविर में पीड़ितों से मुलाकात की और उनका हाल जाना।
वहीं कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि विपक्ष चाहता है कि लोगों की मांग सुनी जाएं। हम लोगों की मांग का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं। गोगोई ने कहा कि ये टीम मणिपुर के लोगों और उनकी चिंताओं का प्रतिनिधित्व करने आए हैं। गोगोई ने कहा कि मणिपुर में एलओसी जैसी हालत पैदा हो गई है। वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने चुराचांदपुर में राहत शिविर का दौरा किया है, चौधरी ने कहा कि इन लोगों का चेहरा देखकर पता चलता है कि ये डरे हुए हैं। इन लोगों को सरकार पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं है,बहुत भयानक स्थिति पैदा हो चुकी है।
वहीं आरजेडी नेता मनोज झा भी विपक्षी गठबंधन की टीम का हिस्सा हैं, झा ने कहा कि कोई रणनीति नहीं बनाकर आए हैं। दो अलग-अलग समूह में हैं और दोनों समूहों को ये जिम्मेदारी दी गई है कि लोगों को सुनें। इनको सुना नहीं है लोगों ने, चाहे सरकार हो या कोई और हमारी सिर्फ कोशिश है क्योंकि सुनना हीलिंग का हिस्सा है, ताकि हम सुन पाएं और यही मैसेज दे पाएं दिल्ली में कि अगर हम कहते हैं इंडिया, भारत, हिंदुस्तान तो मणिपुर हमारा हिस्सा है न, मणिपुर अगर सामूहिक चिंता में है तो हमारी चिंता भी होनी चाहिए। अलग-अलग राहत शिविर में हर एक समुदाय से बात करेंगे, मेइती हों, कुकी हों, कोई भी हों, सबसे बात करेंगे।
मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच भरोसे का संकट पैदा हो गया है। तीन महीने से हिंसा से पीड़ित लोगों की मदद के लिए सत्ता और विपक्ष को मतभेद भूलना चाहिए,और मेइती-कुकी में संवाद कायम किया जाना चाहिए क्योंकि बिना संवाद कायम किए किसी विवाद का हल नहीं निकलने वाला है।