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26 जनवरी को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर दिखेगा देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर,धरती आबा और झारखंड की अनमोल धरोहर

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बीरेंद्र कुमार
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं। इस बार राजपथ की जगह कर्तव्य पथ पर कर्तव्यगणतंत्र दिवस का कार्यक्रम होगा क्योंकि राजपथ का नाम अब कर्तव्यपथ ही गया है। इस बार देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर्तव्य पथ पर झण्डा फहराएंगी। वहीं, इस दौरान कर्तव्य पथ पर झारखंड के देवघर के बाबा मंदिर की भव्यता लोगों को देखने को मिलेगी।दरअसल, इस बार कर्तव्य पथ पर चलने वाली झांकी में झारखंड के देवघर मंदिर को जगह मिली है। ऐसे में 26 जनवरी को ना सिर्फ देश बल्कि दुनिया भी देवघर मंदिर की भव्यता को देखेगी।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में देश के अलग-अलग राज्यों की झांकियों की प्रर्दशनी की जाती है। इस बार प्रर्दशनी के लिए झारखंड के देवघर मंदिर को भी चयनित किया गया है। ऐसे में ये ना सिर्फ देवघर के लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है।

बाबा मंदिर की विशेषता

कहा जाता है कि झारखंड के देवघर का बाबा बैद्यनाथ मंदिर विश्व का एकमात्र शिवालय है, जहां पर शिव और शक्ति एक साथ विराजमान हैं। यही कारण है कि इसे शक्ति पीठ और हृदय पीठ भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस नगरी में आने से भक्तों को शिव और शक्ति दोनों का आशीर्वाद मिलता है। पुरोहित बताते हैं कि यहां पहले शक्ति स्थापित हुई उसके बाद शिवलिंग की स्थापना हुई है। ऐसे में यह मंदिर कई मायनों में खास है।

कैसे चयन हुआ झारखंड की बाबा बैद्यनाथ वाली झांकी का

गणतंत्र दिवस 2023 में प्रदर्शित की जाने वाली झांकियों को लेकर बनी चयन कमेटी के समक्ष पूरे देश के सभी राज्यों में अपने-अपने प्रारूप भेजे थे। चयन कमेटी ने अपने पास आए प्रारूपों में से झारखंड के बाबा बैद्यनाथ नगरी के झांकी के साथ-साथ 16 राज्यों की झांकियों को 2023 में के गणतंत्र दिवस पर आयोजित परेड में शामिल होने के लिए चयनित किया।

क्या-क्या होगा झारखंड की झांकी में ?

कर्तव्य पथ पर प्रदर्शित किए जाने वाले झारखंड की झांकी में बाबा बैद्यनाथ के मंदिर प्रांगण का विहंगम दृश्य प्रदर्शित किया जाएगा। इसके साथ ही धरती आबा बिरसा मुंडा और सोहराय पेंटिंग भी साइड पैनल पर दिखेंगे। झारखंड की इस झांकी के साथ-साथ झारखंड के विभिन्न लोक कलाओं के कलाकार भी अपने-अपने कलाओं का प्रदर्शन करते हुए साथ साथ चलेंगे।

पूर्व में दुमका की मलूटी के मंदिर की झांकी को मिल चुका है द्वितीय पुरस्कार

वर्ष 2015 में रघुवर दास के शासनकाल में जब देश में गणतंत्र दिवस की झांकियों का चयन हो रहा था, तो उसमें दुमका के मलूटी के मंदिरों की झांकी को झारखंड की झांकी के रूप में प्रदर्शित करने की स्वीकृति मिली थी। दिल्ली के राजा परगणतंत्र दिवस 2015 के अवसर पर प्रदर्शित की जाने वाली झांकियों में झारखंड के दुमका के मलूटी के मंदिरों की झांकी को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ था।

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