न्यूज डेस्क
ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की इलाज के दौरान मौत हो गई है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उनकी मौत पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि नब दास सरकार और पार्टी, दोनों के लिए अहम थे। उनकी मौत से प्रदेश को बड़ा नुकसान हुआ है। नब किशोर दास मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले ओडिशा कैबिनेट में प्रमुख मंत्री थे। एक एएसआई ने उनके सीने में कई गोलियां दागी दी थीं। घायल अवस्था में उन्हें भुवनेश्वर से अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
ओडिशा: राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नाबा दास की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।
झारसुगुड़ा जिले के ब्रजराजनगर के पास एक पुलिसकर्मी ने उन्हें गोली मारी थी। pic.twitter.com/Bx0KT5LZG3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 29, 2023
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि अपराध शाखा को मामले की जांच करने के निर्देश दिए गये हैं। घटना के एक वीडियो में मंत्री नब दास अचेत अवस्था में नजर आ रहे हैं और उनके सीने से खून बह रहा है। दूसरी और घटना के बाद ब्रजराजनगर में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। नब किशोर दास के समर्थक सुरक्षा चूक पर सवाल उठा रहे हैं । बता दें नब किशोर दास झारसुगुड़ा के ताकतवर नेता हैं।
ओडिशा के सबसे अमीर मंत्रियों में से नब कुमार
नब किशोर दास ओडिशा सरकार के सबसे अमीर मंत्रियों मेंसे एक हैं। उनके पास लगभग 15 करोड़ रुपए मूल्य के 70 से अधिक वाहनों का एक बड़ा बेड़ा है। दास के संपत्ति विवरण की खास बात यह है कि उनके पास 31 दिसंबर 2021 तक 15 करोड़ रुपए के 70 वाहन थे,जिसमें एक मर्सिडीज बेंज भी शामिल है,जिसकी वर्तमान कीमत1.14 करोड़ रुपए है। हालांकि दास के पास अपने अंतिम संपत्ति विवरण के अनुसार 80 वाहन थे। नब किशोर दास की संपत्ति में तीन हथियार भी हैं। जिनमें 55000 रुपए की एक रिवॉल्वर,1.25 लाख रुपए की एक राइफल और 17500 रुपए की कीमत वाली एक डबल बैरल बंदूक भी है।
मानसिक बीमारी का इलाज करा रहा था एएसआई
मंत्री नब किशोर दास पर फायरिंग करने वाला एएसआई गोपाल दास मानसिक रूप से बीमार है,जिसका वह सात—आठ साल से इलाज करा रहा है। यह बात गोपाल की पत्नी जयंती ने कही। जयंती का कहना है कि दवा लेने के बाद ही गोपाल सामान्य व्यवहार करता है। उन्होंने कहा कि मुझे घटना की जानकारी टीवी चैनल से ही मिली थी। वह पांच महीने पहले घर आया था,रविवार सुबह मेरी और बेटी की उससे वीडियो कॉल पर बात हुई थी। इसके बाद गोपाल से बात नहीं हुई।