नई दिल्ली: आधार के जरिये होने वाली बायोमेट्रिक धोखाधड़ी को रोकने के लिए आने वाले दिनों में नई व्यवस्था की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, इस साल के आखिर तक देश भर में नई तकनीक से लैस एल—1 डिवाइस आ जाएगी। इस नयी मशीन के जरिये फर्जी वाड़ा को बिल्कुल ही कम करने का दावा किया जा रहा है।
नुकसान बचाया जा सकेगा
मामले से जुड़े अधिकारी ने बताया कि इस नई मशीन में जैसे ही किसी व्यक्ति ने गलत तरीके से बॉयोमेट्रिक प्रमाणीकरण की कोशिश की तो मशीन काम नहीं करेगी। इससे न केवल फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों का पता लगाना आसान हो जाएगा बल्कि मशीन के माम करना बंद कर देने से नुकसान को भी बचाया जा सकेगा।
पिछले साल फरवरी से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई एक ऐसी तकनीक पर काम कर रहा है जिसके जरिये फर्जी और असरी फिंगर प्रिंट का नकली उंगलियों के निशान लगाकर बॉयोमेट्रिक प्रमाणीकरण करने वालों को पहचाना जाना संभव हो गया है।
खत्म हो जाएगी फर्जीवाड़े की संभावना
जानकारी के मुताबिक यह सिस्टम जिंदा व्यक्ति की और मृत यानी नकली फिंगर प्रिंट को अलग अलग पहचानने में सक्षम होगा। जैसे ही कोई नकली फिंगर प्रिंट के जरिये बॉयोमेट्रिक प्रमाणीकरण करने की कोशिश करेगा। सिस्टम को अर्लट पहुंच जाएगा। मामले से जुड़े अधिकारी ने बताया कि ऐसे फर्जीवाड़े की आशंका ज्यादातर आधार आधारित पेमेंट व्यवस्था में देखने को मिलती है। जैसे राशन की दुकानों या फिर इन जैसी दूसरी योजना में लेकिन इसका आंकड़ा बेहद कम है। उन्होंने ये भी कहा कि जब नई एल 1 मशीनें देशभर में सभी जगहों पर पहुंच जाएगी तो धोखाधड़ी होने की संभावना खत्म हो जाएगी।
एनक्रिप्टेड में बदल जाएगी जानकारी
यूआईडीएआई अब एक ऐसी व्यवस्था पर भी काम कर रहा है जिसके जरिये फिंगर प्रिंट का डाटा कंम्यूटर में पहुचने के बजाए मशीन पर अंगूठा लगाने के साथ ही एनक्रिप्टेड यानी कोड में परिवर्तित हो जाएगी। इससे यह व्यवस्था और पुख्ता हो जाएगी। देश में जिस हिसाब से आधार की जरूरत बढ़ती जा रही है उसी पैमाने पर उसकी सुरक्षा को भी पुख्ता करने की कवायद हो रही है।