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मध्यप्रदेश के जबलपुर से एक गजब जानकारी सामने आ रही है। ये ऐसा मामला है, जिसे सुनकर आपको यकीन नहीं होगा कि, भला ये कैसे संभव है। दरअसल, कैंट बोर्ड में पदस्थ सहायक शिक्षिका साधना मिश्रा पर फर्जी प्रमाण पत्र संलग्न करने के आरोप लगा है। इस मामले में साथ-साथ अन्य अधिकारियों को भी कार्रवाई के दायरे में लाने का निर्देश दिया गया है।
मामला शहर के मोदीबाड़ा सदर निवासी अधिवक्ता मौसम पासी की ओर से की गई शिकायत से जुड़ा है। शिकायतकर्ता का कहना है कि साधना मिश्रा ने जो प्रमाण पत्र नौकरी के लिए संलग्न किए, उनमें जन्मतिथि 11 अक्टूबर, 1985 दर्ज है। ऐसे में सवाल ये है कि 10वीं बोर्ड एग्जाम 1997 में महज 12 साल की उम्र में उन्होंने कैसे पास कर ली।
संभागायुक्त अभय वर्मा ने कैंट बोर्ड जबलपुर के सीईओ को निर्देश दिया कि कैंट बोर्ड में पदस्थ सहायक शिक्षिका साधना मिश्रा पर लगे फर्जी प्रमाण पत्र संलग्न करने के आरोप की जांच कराकर इस पूरी कार्रवाई को सुनिश्चित करें। इस मामले में जिसके खिलाफ शिकायत है, उसके साथ-साथ संबंधित अधिकारियों को भी कार्रवाई के दायरे में लाया जाए।
इसी के साथ उनरा दृष्टिबाधित दिव्यांगता प्रमाण पत्र भी संदेह के घेरे में है। ये आरोप अपर सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर लगाया गया है। संभागायुक्त ने शिकायत को गंभीरता से लेकर कैंट के सीईओ को पत्र लिखा है। इसकी प्रतिलिपि शिकायतकर्ता को भी दी गई है।