अखिलेश अखिल
हालिया लोकसभा चुनाव में एनडीए को महाराष्ट्र में भारी पटखनी देने वाली महाअघाड़ी ने आज फिर से यह ऐलान कर दिया कि उसकी एकता आगे के लिए भी बनी रहेगी और लोकसभा चुनाव की तरह ही वह विधान सभा चुनाव भी मिलकर लड़ेगी। मुंबई में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाआघाडी के सभी बड़े नेता एक साथ मंच पर आये और फिर शरद पवार के साथ ही उद्धव ठाकरे ने ऐलान कर दिया कि हम मिलकर विधान सभा चुनाव लड़ेंगे और महाराष्ट्र में एक मजबूत सरकार बनाएंगे।
एमवीए के इस ऐलान के बाद एनडीए और खास कर बीजेपी की परेशानी बढ़ती दिख रही है। माना जा रहा है कि जिस तरह से एमवीए ने लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है अगर यही हाल विधान सभा चुनाव में हो गया तो फिर बीजेपी की पूरी राजनीति की फंस सकती है और एनडीए में बड़ी टूट भी हो सकती है।
आज के प्रेससवार्ता में उद्धव ठाकरे ने कहा कि लोकसभा चुनाव की जीत एमवीए के लिए अंत नहीं, बल्कि शुरुआत है। हम सभी दलों को साथ लेकर चुनाव लड़ेंगे।याद रहे इस बार के लोकसभा चुनाव में एमवीए को 31 सीटें हासिल हुई है।जबकि भाजपा गठबंधन को 17 सीटें मिली हैं। विधानसभा की 288 सीटों पर अक्टूबर में चुनाव हो सकते हैं।
शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ने कहा- यह संविधान और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई थी। जल्द ही विधानसभा चुनाव आने वाले हैं। यह सरकार मोदी सरकार थी और अब यह एनडीए सरकार बन गई है। अब देखना यह है कि यह सरकार कितने दिन चलती है।’
पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ‘यह प्रेस कॉन्फ्रेंस जनता का आभार व्यक्त करने के लिए है। महाराष्ट्र की जनता ने हमें जिताया है। लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार महाराष्ट्र के इंडिया ब्लॉक के नेता आज मिले। हम सभी लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आए हैं।’
पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि जिस तरह से लोगों ने लोकसभा चुनाव में हमें वोट दिया, विधानसभा चुनाव में भी हमें वैसा ही प्यार मिलेगा और अब महाराष्ट्र में भी सत्ता परिवर्तन होगा। वहीं, उद्धव ठाकरे ने कहा- लोकसभा चुनाव की जीत एमवीए के लिए अंत नहीं, बल्कि शुरुआत है।’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नाना पटोले ने दावा किया था कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस राज्य में बड़ी ताकत बनकर उभरी है। उन्होंने सहयोगियों से चर्चा के बिना कहा था कि आने वाले चुनाव में कांग्रेस 150 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।उधर, उद्धव शिवसेना ने भी सहयोगियों से चर्चा के बिना विधानपरिषद की 4 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। इन सीटों पर 26 जून को चुनाव होना है।
उद्धव गुट के फैसले पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की थी। नाना पटोले ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात के लिए समय भी मांगा था, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया था। हालांकि, शरद पवार की मध्यस्थता से मामला सुलझ गया था।
महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 4 महीने बचा है। सूत्रों के अनुसार शिंदे या अजित गुट के विधायक तुरंत दल नहीं बदलेंगे। वे 4 महीनों में सत्ता मे रहकर क्षेत्र के लिए बड़ा फंड लेंगे। विधानसभा चुनाव करीब आने पर दल-बदल दिख सकता है।
लोकसभा के नतीजाें को देखें तो 288 विधानसभा क्षेत्रों में से 150 पर इंडिया का वोट ज्यादा रहा। सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार ने अजित के 30 विधायकों को टार्गेट करते हुए उनके खिलाफ मजबूत प्रत्याशी तय किए हैं। अजित गुट के कुछ विधायक फिर पवार पास लौटना चाहते हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद अजित की बैठक में 5 विधायक गैरहाजिर भी रहे थे।