न्यूज़ डेस्क
इजरायल के प्रधानमंत्री ने साफ़ कर दिया है कि वे जबतक हमास को ख़त्म नहीं कर देते तबतक सांस नहीं लेंगे और इसके लिए वे पूरी दुनिया के खिलाफ भी जाने को तैयार हैं। टाइम्स ऑफ इस्राइल की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू ने गाजा में बड़ी संख्या में नागरिकों की मौत पर वैश्विक आलोचना पर पलटवार किया है। एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री नेतन्याहू, रक्षा मंत्री योव गैलेंट और मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने पश्चिमी देशों के नेताओं से यहूदी राज्य का समर्थन करने का आग्रह किया। इस्राइल ने कहा कि हमास के खिलाफ उनकी जीत का मतलब “संपूर्ण स्वतंत्र दुनिया के लिए भी जीत” होगी।
टाइम्स ऑफ इस्राइल की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने यह भी संकेत दिया कि इजराइल युद्ध के बाद गाजा में फिलिस्तीनी प्राधिकरण की वापसी का विरोध करेगा। गौरतलब है कि अब तक युद्ध में 11 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। गहराते मानवीय संकट के बीच इस सप्ताहांत में कई देशों ने गाजा पट्टी में बिगड़ती मानवीय स्थिति और नागरिकों के हताहत होने पर चिंता व्यक्त की। इसके बाद इस्राइल की प्रतिक्रिया आई है।
इससे पहले शुक्रवार को, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने आग्रह किया कि गाजा में नागरिकों की सुरक्षा के लिए और अधिक प्रयास किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान “बहुत सारे फलस्तीनी मारे गए हैं।” अमेरिका ने युद्ध विराम का सीधा समर्थन नहीं किया है, लेकिन राष्ट्रपति बाइडन ने मानवीय आधार पर शांति का पक्ष लिया है।
हालांकि, इस्राइली पीएम नेतन्याहू ने युद्ध विराम से इनकार कर दुनिया भर से समर्थन का आग्रह किया है। इसमें फिलिस्तीनी आतंकवादियों द्वारा गाजा में रखे गए सैकड़ों बंधकों की वापसी शामिल नहीं है। उन्होंने अमेरिकियों से हमास के विनाश की मांग में शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “एक खतरा उनको भी है।
रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकांश अमेरिकी इस अहसास को साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों में, ऐसे लोग हैं जो नेताओं पर युद्ध विराम के लिए दबाव डाल रहे हैं। यह स्पष्ट रूप से फिलिस्तीन समर्थक हैं। बड़े पैमाने पर दुनिया में प्रदर्शन हो रहे हैं। शनिवार को लंदन में रैली हुई। नेतन्याहू ने कहा, “दबाव के आगे मत झुकिए।” “हमारा युद्ध आपका युद्ध है। इस्राइल को अपने और दुनिया के लिए जीतना होगा।”
उन्होंने कहा, “किसी भी मामले में, कोई भी अंतरराष्ट्रीय दबाव, इजरायल डिफेंस फोर्सेज के सैनिकों और हमारी सरकार पर कोई गलत आरोप, इजरायल की खुद की रक्षा करने की जिद पर असर नहीं डालेगा।” नेतन्याहू ने जोर देकर कहा, “अगर जरूरत पड़ी तो इजरायल दुनिया के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहेगा।”
नेतन्याहू ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की इस टिप्पणी के लिए भी आलोचना की कि बच्चों, महिलाओं और बूढ़ों पर इस्राइली बमबारी का “कोई औचित्य नहीं” था। नेतन्याहू ने कहा, “उन्होंने तथ्यात्मक और नैतिक रूप से एक गंभीर गलती की है। यह हमास है जो नागरिकों की निकासी को रोक रहा है, इस्राइल ऐसा नहीं कर रहा है।”
नेतन्याहू ने ज़ोर देकर कहा, “इस्राइल ने उन्हें जाने के लिए कहा है।” टाइम्स ऑफ इजरायल ने नेतन्याहू के हवाले से कहा, “यह इजराइल नहीं है जो खुद को अस्पतालों में, स्कूलों में, यूएनआरडब्ल्यूए और यूएन सुविधाओं में रखता है – यह हमास है। इसलिए, यह इजराइल नहीं बल्कि हमास है जो नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार है।” उन्होंने कहा, “इस दोहरे युद्ध अपराध को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को छूट नहीं दी जानी चाहिए। हम वास्तव में नागरिकों या गैर-लड़ाकों को नुकसान कम करने के लिए सब कुछ कर रहे हैं, लेकिन हम अपनी प्रतिक्रिया के बिना हमास को अपने नागरिकों की हत्या करने का लाइसेंस नहीं देंगे।