बीरेंद्र कुमार झा
अपना वजन कम करने के लिए खेलना शुरू करने वाले नीरज चोपड़ा का हरियाणा के एक गांव से भारतीय खेलों के सबसे बड़े सितारों में नाम दर्ज करने तक का सफर इतना गौरवशाली रहा है कि हर कदम पर वे एक नई विजयगाथा लिखते चले जा रहे हैं ।2 साल पहले जब टोक्यो में उन्होंने ओलंपिक ट्रैक और फील्ड स्पर्धा में भारत की झोली में पहला पीला तमगा डाला था उस समय उनकी उम्र सिर्फ 23 वर्ष की थी और महान निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के बाद ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाले वे दूसरे भारतीय बने थे। खेलों के महासागर में एथलेटिक्स में लंबे समय से पदक का सपना संजोए बैठे भारत को मानो रातों-रात एक चमकता हुआ सितारा मिल गया।पूरा देश उसकी कामयाबी की चकाचौंध में डूब गया और यह सिलसिला अभी भी बदस्तूर जारी है।
भारत की दिलाया पहला पीला तमगा
ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है ।नीरज चोपड़ा ने रविवार को बुडापेस्ट में वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में जैवलिन थ्रो का गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है। नीरज वर्ल्ड चैंपियनशिप के 40 साल के इतिहास में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय बन गए।
प्रारंभिक असफलता के बाद दिखाया अपना जलवा
नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में 88.17 मीटर का जैवलिन थ्रो करके यह गोल्ड पदक जीता। हालांकि नीरज चोपड़ा के लिए आगाज अच्छा नहीं रहा और इनका पहला प्रयास फाउल रहा, लेकिन उसके बाद उन्होंने दूसरे प्रयास में जोरदार वापसी करते हुए 88.17 मीटर का थ्रो किया जिसके बदौलत वे गोल्ड पदक जीतने में सफल हुए। नीरज चोपड़ा ने दूसरे प्रयास के बाद अपने तीसरे से छठे प्रयास तक क्रमशः 84.64 मीटर, 84.64 मीटर, 87.73 मीटर और 83.98 मीटर के थ्रो किया, लेकिन उनके 88.17 मीटर के थ्रो को कोई और प्रतिद्वंद्वी पर नहीं कर सका और इस प्रकार वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 के गोल्ड मेडल पर नीरज चोपड़ा का कब्जा हो गया।
प्रथम आठ में तीन भारतीय
वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 87.82 मीटर के थ्रू के साथ सिल्वर ,जबकि चेक गणराज्य के जब बदलेच ने 86.67 मीटर के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता। भारत के ही किशोर जाना 84.7 मीटर थ्रो के साथ पांचवें स्थान पर रहे और डीपी मनु 84.5 मीटर थ्रो के साथ छठे नंबर पर रहे। विश्व चैंपियनशिप में यह पहली बार हुआ है जबकि शीर्ष आठ में तीन भारतीय रहे हो।
वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत अबतक गोल्ड मेडल से रहा था महरूम
1983 से हो रही वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पहली बार किसी भारतीय ने गोल्ड मेडल जीता है। कुल मिलाकर वर्ल्ड चैंपियनशिप में यह भारत का तीसरा मेडल है। पिछले साल नीरज चोपड़ा ने इस चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था, जबकि 20 साल पहले 2003 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में लॉन्ग जंपर अंजू बॉबी जार्ज ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
ओलंपिक और वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप दोनों में गोल्ड मैडल पाने वाले पहले भारतीय
नीरज चोपड़ा इससे पहले 2020 में ओलंपिक में एथलेटिक्स का गोल्ड मेडल जीतने वाले भी पहले भारतीय बने थे। इस प्रकार नीरज चोपड़ा ओलंपिक के साथ – साथ वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले पहले और एकमात्र भारतीय एथलीट भी बन गए हैं। 1900 से आयोजित हो रहे ओलंपिक में नीरज के गोल्ड के अलावा ट्रैक एंड फील्ड इवेंट्स में भारत ने अब तक कोई मेडल ही नहीं जीता है।