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सिक्किम में कुदरत का कहर ,बाढ़ से 56 की मौत और 142 लापता ,सेना का तलाशी अभियान जारी 

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न्यूज़ डेस्क 
कुदरत का कहर कब और कैसे इंसान को प्रभावित करता है इसकी बानगी सिक्किम में आये अचानक बढ़ को देखा जा सकता है। तीन दिन पहले जब सभी लोग रात को सो रहे थे अचानक बदल फटने से बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई। तीस्ता नदी में बाढ़ आई और फिर सुबह होते होते नदी के चारो तरह फैले शहर और गांव दुब में समा गए। कितने लोग गायब हो गए यह कोई नहीं जनता। सेना के भी 24 जवान अभी तक गायब ही है। बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है लेकिन लापता सेना के जवानो के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। हालांकि यह कहा जा रहा है कि सेना के भी 11 जवानो की मौत हो गई है। अभी तक कुल 56 लोगों के नारे जाने की पुष्टि हुई है और करीब 142 से ज्यादा लोग लापता है। सबसे बड़ी चिंता लापता सेना के जवानो को लेकर है।        
         अब तक 26 शव सिक्किम में और 25 शव पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के विभिन्न इलाकों में मिले है। इसके अलावा अभी तक 142 लोग लापता बनाए जा रहे है, जिनकी तलाश की जा रही है। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों से बात की।
                        उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई। सिक्किम में रात करीब 1.30 बजे शुरू हुई बाढ़ चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण और बदतर हो गई। तीस्ता बेसिन में स्थित डिक्चू, सिंगताम और रंगपो समेत कई कस्बों में भी नदी में आए उफान से बाढ़ आ गई है। सिक्किम के विभिन्न हिस्सों में 3,000 से अधिक पर्यटकों के फंसे होने की खबर है, जबकि सेना के जवान सहित लगभग 166 लोगों को अब तक बचाया गया है।
                            मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने अधिकारियों से शुक्रवार से त्सोमगो झील, बाबा मंदिर और नाथुला जैसे लोकप्रिय स्थलों पर पर्यटकों को परमिट जारी करना बंद करने को कहा है। मुख्यमंत्री तमांग ने बताया कि बरदांग क्षेत्र से लापता हुए 23 सैन्य कर्मियों में से सात के शव नदी के विभिन्न इलाकों से बरामद किए गए हैं। जबकि एक सैन्यकर्मी को पहले ही जीवित बचा लिया गया था। शेष 15 जवानों के लिए तलाशी अभियान जारी है।
                           बाढ़ ने राज्य में 11 पुलों को नष्ट कर दिया, जिनमें से अकेले मंगन जिले में आठ पुल बह गए। नामची में दो और गंगटोक में एक पुल नष्ट हो गया। चार प्रभावित जिलों में पानी की पाइपलाइन, सीवेज लाइनें और घरों को भी काफी नुकसान हुआ है।
                         एसएसडीएमए की रिपोर्ट के अनुसार बाढ़ से चार जिलों के 27 इलाके प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से 2,376 घरों को नुकसान पहंचा है। इन जिलों में 25,065 लोग प्रभावित हुए हैं। अभी तक 26 लोग घायल हुए हैं। अब तक 2413 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। मौजूदा समय पूरे प्रदेश में 22 राहत कैंपों में 6,875 लोग रह रहे हैं।

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