न्यूज़ डेस्क
कहा जाता है कि जीवन कठिनाइयों का उद्गम श्रोत है और साहसी पुरुष ही मनोरंजन करते हैं। किसी कवि ने ठीक ही कहा है कि ”पगले वे जो तिनके पे चढ़ उद भी पार कर जाते हैं ,दीवाने जो तुफानो और लहरों पर भी जाते हैं। ”
नेपाली पर्वतारोही कामी रीता शेरपा भी कुछ ऐसे ही बहादुर और साहसी इंसान हैं जिन्होंने माउंट एवेरेस्ट को छोटी को 29 वीं बार फतह कर अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।
एवरेस्ट मिशन पर जाने से पहले शेरपा ने कहा था, मैं 29वीं बार सागरमाथा पर चढ़ने जा रहा हूं। मेरा पर्वतारोहण के सिवाय कोई दूसरा लक्ष्य नहीं है।
पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, रिकॉर्ड-सेटिंग पर्वतारोही शेरपा ‘सेवन समिट ट्रेक्स’ के अभियान का मार्गदर्शन करते हुए रविवार सुबह 7:25 बजे एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचे। एवरेस्ट मैन के नाम से मशहूर 54 वर्षीय शेरपा ने पिछले वर्ष 8848.86 मीटर की सबसे ऊंची चोटी पर एक सप्ताह में दो बार चढ़ाई की थी।
सेवन समिट ट्रेक्स ने रविवार सुबह सोशल मीडिया पर सफल शिखर सम्मेलन के बारे में खबर साझा की। इस चढ़ाई ने कामी रीता को माउंट की सबसे सफल चढ़ाई का खिताब दिलाया।
शेरपा ने अप्रैल के अंत में लगभग 28 पर्वतारोहियों वाले पर्वतारोहण अभियान दल के साथ काठमांडो से अपना अभियान शुरू किया था।
वह सागरमाथा चढ़ाई के 71 साल के लंबे इतिहास में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर सबसे ज्यादा बार चढ़ने का रिकॉर्ड बनाने वाले पर्वतारोही हैं।