अखिलेश अखिल
इस बार के महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में किसकी चलेगी और किसकी सरकार बनेगी इसी को लेकर तो पूरी राजनीतिक विसात बीछी हुई है। मोदी और अमित शाह को लगता है कि उसके संगठन के सामने कोई आगे नहीं बढ़ सकता तो उद्धव ठाकरे ने भी अपनी खोई ताकत को इस तरह से वापस लाने में सफलता पाई है उससे साफ़ हो गया ही कि इस बार मोदी और उद्धव की लड़ाई नाक बचाने की हो गई है।
नाक की यह लड़ाई अब बयानों से शुरू हुई है। अमित शाह के अपने अंदाज है और अपने तरीके के बोल भी लेकिन अब उद्धव ठाकरे भी शाह के अंसाज में ही बहुत कुछ कह रहे हैं। महाराष्ट्र की जनता के साथ ही देश की जनता भी अब समझ गई है कि इस बार की लड़ाई भी कोई मामूली लड़ाई नहीं है। या तो बीजेपी बचेगी या उद्धव की पार्टी !
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही प्रदेश में सियासी बयानबाजी फिर से तेज हो गई। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब लड़ाई मैदान में है और मैंने पहले ही मुंबई में कहा था कि ‘या तो मैं रहूं या आप रहें’। उन्होंने कहा कि मेरे इस बयान से कुछ लोगों को लगा कि मैंने फडणवीस को कहा था कि ‘या तो तू रहेगा या मैं रहूंगा’। फडणवीस को खटमल बताते हुए ठाकरे ने कहा कि मैं खटमल को चुनौती नहीं देता।
उन्होंने कहा कि फडणवीस की इतनी हैसियत ही नहीं है, खटमल को अंगूठे से कुचला जाता है। आप इतने बड़े नहीं हैं कि आपको मैं चुनौती दे सकूं। मैं सुसंस्कृत महाराष्ट्र हूं और आप लुटेरों का समूह हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अहमद शाह अब्दाली का राजनीतिक वंशज बताते हुए ठाकरे ने कहा कि, “आज से मैं अमित शाह को ‘अब्दाली’ ही बोलूंगा। अगर आप मुझे ‘नकली संतान’ बोलेंगे, तो मैं आपको ‘अब्दाली’ बोलूंगा।”
शाह पर हमला तेज करते हुए ठाकरे ने कहा कि अहमदशाह अब्दाली के राजनीतिक वंशज अमित शाह पुणे आए थे। वह भी शाह, यह भी शाह। नवाज शरीफ का केक खाने वाले हमें हिंदुत्व सिखाएंगे? अगर हम ‘औरंगजेब फैन क्लब’ हैं, तो आप जो कर रहें है, वह ‘सत्ता जिहाद’ है।
उन्होंने आगे कहा कि यह लड़ाई उद्धव ठाकरे और शिवसेना की नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की है। अमित शाह को मैं आज से ‘अहमदशाह अब्दाली’ कहूंगा। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि आपको यह ‘अब्दाली’ चाहिए या मैं? महाराष्ट्र में औरंगजेब की तरह इनकी राजनीतिक कब्र खोदने का काम करना चाहिए।
लेकिन बयानों की यह राजनीति तो अभी आरम्भ की ही है। इसका अंत क्या और कहा होगा यह कोई नहीं जानता। लेकिन एक बात तय है कि महाराष्ट्र में इस बार भले ही एनडीए और इंडिया की लड़ाई दिख रही हो लेकिन असली लड़ाई और उद्धव शिवसेना के बीच ही है। किसकी नाक बचती है और किसकी नाक कटेगी यही तो वक्त ही बताएगा।