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दिल्ली मॉडल टाउन के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी को एक स्थानीय अदालत ने मारपीट मामले में दोषी करार दिया है। त्रिपाठी पर एक लॉ स्टूडेंट को पीटने का मामला 2020 में दर्ज किया गया था। इस मामले में अदालत ने 16 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसे शनिवार को सुनाया गया। त्रिपाठी को आईपीसी की धारा 323 के तहत दोषी करार दिया है। हालांकि त्रिपाठी पर एससी ,एसटी एक्ट के मामले भी दर्ज किये गए थे लेकिन अदालत ने इस एक्ट के आरोपों से विधायक त्रिपाठी को बरी कर दिया है। अदालत में विधायक की सजा पर 13 अप्रैल को सुनवाई होगी।
एससी -एसटी एक्ट के तहत विधायक को आरोपों से बरी करते हुए अदालत ने कहा, ‘इस मामले में आरोपी के खिलाफ ये तय नहीं किया जा सका कि उन्होंने शिकायतकर्ता के खिलाफ कोई जाति संबंधी टिप्पणी की। आरोपी के खिलाफ अनुसूचित जाति की वजह से शिकायतकर्ता को अपमानित या डराने का इरादा साफ नहीं हो पाया। शिकायतकर्ता ने आरोपी पर जाति के नाम पर गाली देने का आरोप लगाया है। लेकिन इसे एससी-एसटी एक्ट के तहत नहीं माना जा सकता। अदालत ने त्रिपाठी को 10 दिनों के भीतर अपनी संपत्ति और आय का हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया। इसके अलावा सरकार को भी आदेश दिया कि सात दिनों के भीतर अभियोजन एजेंसी द्वारा किए गए खर्च का हलफनामा प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
शिकायतकर्ता संजीव कुमार ने आरोप लगाया था कि 7 फरवरी 2020 की रात करीब 11:35 बजे जब वह अपने दोस्त राज किशोर के साथ अपने घर जा रहे थे तो त्रिपाठी ने अपने समर्थकों के साथ उन्हें झंडेवालान चौक पर उन्हें रोक लिया। उन्होंने उसकी स्कूटी की चाबी छीन ली और बुरी तरह पीटा। बता दें कि घटना के दूसरे दिन यानी 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने थे। मौजूदा विधायक त्रिपाठी आप से चुनाव लड़ रहे थे जबकि शिकायतकर्ता और उनके पिता बीजेपी उम्मीदवार कपिल मिश्रा का समर्थन कर रहे थे।