मिथुन चक्रवर्ती ने हिंदी सिनेमा की कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि एक दौर में लोग उन्हें पनौती कहने लगे थे।
मिथुन चक्रवर्ती का नाम आज हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार्स की लिस्ट में आता है। उन्होंने अपना करियर साल 1976 में आई फिल्म ‘मृगया’ से शुरू किया था। खास बात ये है कि एक्टर ने पहली ही फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड भी जीता था।हालांकि सफलता का सफर मिथुन के लिए भी आसान नहीं रहा और हिट फिल्म देने के बाद भी उनपर पनौती का टैग लगा था।
दरअसल कई हिट फिल्मों में काम करने के बाद मिथुन चक्रवर्ती का करियर डूबने लगा था।यहां तक कि कोई उनके साथ काम भी नहीं करना चाहता था और लोग एक्टर को पनौती भी कहने लगे थे।इसका खुलासा खुद मिथुन चक्रवर्ती ने ही एक सिंगिंग शो में किया था। एक्टर ने बताया था कि उस वक्त कोई भी मेरे साथ काम नहीं करना चाहता था।
ऐसे में सिर्फ जीनत अमान थी जिन्होंने मुझे गुड लुकिंग कहा और मेरे साथ फिल्म ‘तकदीर’ में काम किया।मिथुन और जीनत अमान की ये फिल्म साल 1983 में आई थी,जिसमें दोनों के साथ शत्रुघ्न सिन्हा भी मुख्य भूमिका में थे।जब ये फिल्म रिलीज हुई तो दर्शकों ने खूब पसंद किया और फिल्म सुपरहिट भी हो गई।इसके बाद से मिथुन की तकदीर बदली और उनका करियर फिर उड़ान भरने लगा।मिथुन इस बात के लिए हमेशा जीनत अमान के शुक्रगुजार भी रहे हैं,क्योंकि उनकी वजह से ही एक्टर पर से ‘पनौती’ का टैग हटा था।
मिथुन कई बार अपने स्ट्रगल पर भी खुलकर बात कर चुके हैं।एक बार उन्होंने कहा था कि, मैं अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र जैसे सितारे के दौर में इंडस्ट्री पर आया था।ऐसे में यहां जगह बनाना बहुत मुश्किल था।
मिथुन चक्रवर्ती ने ये भी बताया था कि करियर की शुरुआत में लोग उनके सांवले रंग का भी मजाक उड़ाते थे और कहते थे कि ‘तू कैसे हीरो बनेगा’.
हालांकि एक्टर ने कभी हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत के जरिए अपने सपनों को पूरा किया। आज उनकी एक्टिंग के साथ डांस के भी लोग दीवाने हैं।साथ ही फिल्मों में इनके योगदान को देखते हुए इन्हें फिल्म का प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा गया है।