- बीरेंद्र कुमार झा
झारखंड के प्रवासी मजदूरों (migrant workers) का विदेशों में फंसने का मामला एक बार फिर सामने आया है।इस बार झारखंड के 36 प्रवासी मजदूर ताजिकिस्तान में फंसे गए हैं। मजदूरों को काम के बदले कंपनी के द्वारा चार महीने से मजदूरी नहीं दी जा रही है।इससे मजदूरों के समक्ष खाने- पीने का संकट उत्पन्न हो गया है।मजदूरों ने सोशल मीडिया में वीडियो शेयर कर अपनी पीड़ा को साझा करते हुए केंद्र और झारखंड सरकार से वतन वापसी और बकाया मजदूरी की भुगतान कराए जाने की गुहार लगाई।
सैनिकों ने भेजा त्राहिमाम संदेश
ताजिकिस्तान से 36 प्रवासी मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से वतन वापसी की गुहार लगाई है। मजदूरों ने मदद के लिए भारत सरकार एवं झारखंड सरकार के नाम त्राहिमाम संदेश भेजा है। इन लोगों ने सरकार से कहा है कि जिस कंपनी में यह लोग काम कर रहे थे, उसने 4 महीने से इन्हें वेतन भी नहीं दिया है।
हर देश में दाने दाने को मोहताज हैं झारखंड के श्रमिक
सोशल मीडिया पर भेजे इस संदेश में सभी श्रमिकों ने कहा है कि वे दाने-दाने को मोहताज हैं। यह कोई पहला मौका नहीं है जब दलालों के चंगुल में फंस कर गरीब तबके के लोग दलालों के चंगुल में फंसकर विदेश जाकर फंस गए हों।इससे पहले भी दिसंबर महीने में 44 मजदूर तजाकिस्तान में फस गए थे। ये लोग 4 माह पूर्व बिष्णुगढ़ प्रखंड के खरना के पंचम महतों की मदद से ताजिकिस्तान गए थे।
श्रमिक ट्रांसमिशन लाइन के लिए काम करने गए थे ताजिकिस्तान
बताया जा रहा है कि यह सभी श्रमिक ट्रांसमिशन लाइन के लिए काम करने तजाकिस्तान गए थे। ठेकेदार ने इन सभी से वहां पर काम करवाया, लेकिन पिछले 4 महीने से उन्हें वेतन के नाम पर एक भी पैसा नहीं दिया। ऐसे में अब इन श्रमिकों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई हैं।
राज्य के विभिन्न जगहों से दलाल लोगों को कई देशों में भेजते हैं
झारखंड में प्रचलित काश्तकारी कानून छोटा नागपुर टीनैंसी एक्ट संथाल परगना टीनैंसी एक्ट में जमीन के स्वामित्व हस्तांतरण पर रोक लगी रहने के कारण यहां के ज्यादातर जगहों में उद्योग धंधों का विकास नहीं हुआ है, साथ ही यहां के जमीन के पठारी होने और ज्यादातर सीमांत किसानों के पास कम जमीन होने की वजह से ,लोगों को यहां अपने परिवार की आजीविका चलाने के लायक भी आमदनी नहीं हो सकती है। ऐसे में यहां दलाल संस्कृति खूब फल फूल रहा है।कुछ दलाल यहां के लोगों को दिल्ली मुंबई कोलकाता जैसे देश के विभिन्न हिस्सों में जाते हैं और वहां नियोक्ता के साथ में लेकर इनका शोषण करते हैं तो वही कुछ अन्य दलाल यहां के लोगों की अवैध रूप से विदेश ताजिकिस्तान , श्रीलंका और यूएई समेत कई देशों में भेजते हैं जहां इनका जमकर शोषण किया जाता है। सोशल मीडिया से विदेशों में फंसे होने की बात वायरल कर केंद्र और झारखंड सरकार से मदद की गुहार लगाने पर इन्हें वापस लाया जाता है तो कई बार वे वहीं गुमनामी के हालत में फंसे रह जाते हैं और उनका कोई अता-पता नहीं मिलता है।