विकास कुमार
बसपा सुप्रामो मायावती ने लोकसभा चुनाव से पहले बने इंडिया गठबंधन की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। उन्होंने साफ कर दिया कि बसपा इंडिया गछबंधन के साथ नहीं जाएगी। वहीं मायावती एनडीए गठबंधन का हिस्सा भी नहीं बनेंगी। दोनों मोर्चों में से किसी के साथ बसपा शामिल नहीं होगी। मायावती के ट्वीट से ये साफ हो गया कि अब बसपा किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनने वाली है। हालांकि लंबे समय से इंडिया और एनडीए गठबंधन मायावती को अपने पाले में लाने के लिए डोरे डाल रहे थे,लेकिन दोनों ही गठबंधन के हाथ नाकामी आई है।
उत्तर प्रदेश में बसपा के अकेले चुनाव लड़ने के ऐलान से सबसे बड़ा झटका इंडिया गठबंधन को लगा है। इस समय यूपी में इंडिया गंठबंधन में सपा, कांग्रेस और रालोद जैसे दल एक साथ हैं। इसके अलावा यूपी एनडीए में बीजेपी, सुभासपा, निषाद पार्टी और अपना दल (एस) हैं। वहीं मायावती ने ऐलान किया है कि बसपा लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। उन्होंने इंडिया गठबंधन की तरफ से बीजेपी की बी टीम बताए जाने पर भी निशाना साधा। दोनों गठबंधन से किनारा करते हुए मायावती ने मीडिया से फर्जी खबर नहीं फैलाने की अपील की। उन्होंने एनडीए और इंडिया गठबंधन के ज्यादातर घटक दलों को गरीब-विरोधी, जातिवादी और सांप्रदायिक बताया। उन्होंने कहा कि गठबंधन की छतरी में चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
वहीं बीएसपी नेता मलूक नागर का कहना है कि मायावती ही देश की एकमात्र नेता हैं जो अपने वोट को ट्रांसफर करने की क्षमता रखती हैं। दूसरी पार्टी अपने वोट को ट्रांसफर करने की क्षमता नहीं रखती है। गठबंधन में हमारे वोट दूसरों को चले जाते हैं और दूसरों के वोट हमारे गठबंधन में नहीं आ पाते हैं। इसलिए यही रुकावट है गठबंधन की सोच के लिए।
2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा को यूपी में 12.81 फीसदी वोट मिले थे। अगर 2024 में भी मायावती इतना ही वोट काट लें तो उत्तर प्रदेश में बीजेपी की पौ बारह हो जाएगी,क्योंकि सपा अकेले कितना भी जोर लगा ले वह यूपी में बीजेपी को अकेले दम पर नहीं हरा सकती है। इधर ओमप्रकाश राजभर जैसे सहयोगी भी सपा की साइकिल से उतर चुके हैं। ऐसे में बीजेपी 2024 में उत्तर प्रदेश में बड़ा खेल कर सकती है।