न्यूज़ डेस्क
मनीष सिसोदिया। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री ,शिक्षा मंत्री और आप के वरिष्ठ नेता। और इस सबसे पहले पूर्व पत्रकार। पत्रकारिता के जरिये मनीष ने राजनीति में प्रवेश किया। पहले अरविन्द केजरीवाल के साथ आंदोलन किया ,फिर पार्टी बनाई और फिर आप के बड़े चेहरा हो गए। लगातर दिल्ली में आप की जीत के वे कर्ता धर्ता रहे। दिल्ली में कुछ हुआ हो नहीं लेकिन मनीष ने स्कूलों की काया बदल डाली। छात्रों की तकदीर भी बदली और पढ़ाई का अंदाज भी बदला। दिल्ली के सरकारी स्कूलों की चर्चा दुनिया भर में होती रही। लेकिन मनीष सिसोदिया दिल्ली शराब घोटाला मामले में दिल्ली के तिहाड़ जेल बंद हैं। वे सीबीआई ,ईडी के रडार पर हैं।
मनीष ने एक पत्र जेल से देश के नाम लिखा है। इस पत्र को सीएम केजरीवाल ने अपने सोशल मीडिया अकॉउंट से प्रेषित किया है। इस पत्र का शीर्षक है ‘जेल से मनीष सिसोदिया की चिट्ठी देश के नाम’ है। इसके जरिए बिना नाम लिए मनीष सिसोदिया ने मोदी सरकार पर हमला बोला है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चिट्ठी साझा करते हुए लिखा, ‘जेल से मनीष जी का पत्र’। साझा की गई चिट्ठी में लिखा है कि ‘अगर, हर गरीब को मिली किताब तो, नफरत की आंधी कौन फैलाएगा। सबके हाथों को मिल गया काम, तो सड़कों पर तलवार कौन लहराएगा। अगर पढ़ गया, हर गरीब का बच्चा तो चौथी पास राजा का, राजमहल हिल जाएगा। अगर हर किसी को मिल गई अच्छी शिक्षा और समझ, तो इनका व्हाट्सएप का विश्वविद्यालय बंद हो जाएगा। पढ़े लिखे और समझदारी की बुनियाद पर खड़े समाज को, कोई कैसे, कौमी नफरत के माया जाल में फंसाएगा। अगर पढ़ गया एक-एक गरीब का बच्चा तो चौथी पास राजा का राजमहल हिल जाएगा’।
आगे सिसोदिया ने पत्र में लिखा है ‘अगर पढ़ गया समाज का हर बच्चा, तो तुम्हारी चालाकियों और कुनीतियों पे सवाल उठाएगा। अगर गरीब को मिली कलम की ताकत, तो वो अपने ‘मन की बात’ सुनाएगा। अगर पढ़ गया एक-एक गरीब का बच्चा, तो चौथी पास राजा का, राजमहल हिल जाएगा।
दिल्ली और पंजाब के स्कूलों में हो रहा शंखनाद पूरे भारत में अच्छे शिक्षा की अलख जगाएगा। जेल भेजो या फांसी दे दो, ये कारवां रुक नहीं पाएगा, अगर पढ़ गया हर गरीब का बच्चा, राजमहल तुम्हारा छीन जाएगा’।


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