2024 के लोकसभा चुनाव में अदालत भी नेताओं के भाषणों का हिस्सा बन रहा है।नेताओं को इस बात का कोई डर नहीं कि ऐसा करना अदालत की अवमानना का विषय वस्तु वस्तु हो सकता है,उन्हें तो सिर्फ यह दिखता है कि अदालतों के विरुद्ध बोलने पर उनके वोट बैंक में कितने का इजाफा हो रहा है।इसी क्रम में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता ब बनर्जी ने बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय का ओबीसी को लेकर आए फैसले को मानने से इंकार करने की बात कही थी।विभिन्न चुनावी सभाओं में वे अब भी इस बात को अलग – अलग तरीके से बोलकर एक खास संप्रदाय के मतों पर डोरे डाल रही हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि 2010 के बाद से राज्य में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती देगी।ममता बनर्जी ने दक्षिण 24 परगना जिले के सागर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए यह बात कही।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गर्मी की छुट्टियों के बाद आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील करेगी।उन्होंने कहा की हम ओबीसी प्रमाणपत्रों को रद्द करने संबंधी आदेश को नहीं मानते
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 2010 से दिया गया ओबीसी का दर्जा बुधवार को कर दिया था रद्द
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में 2010 से कई वर्गों को दिया गयाअन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा बुधवार को रद्द कर दिया था।अदालत ने कहा था कि मुसलमानों के 77 वर्गों को पिछड़ा वर्ग श्रेणी की सूची में शामिल करना उनके साथ वोट बैंक की तरह बर्ताव करना है।ममता बनर्जी ने चुनावी रैली में अपने संबोधन में मतदाताओं से आग्रह किया कि वे तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी या किसी अन्य पार्टी को एक भी वोट न दें ताकि विपक्षी गठबंधन इंडिया’ केंद्र में सरकार बना सके।
सुंदरबन के लिए तैयार किया जा रहा है नया मास्टर प्लान
ममता बनर्जी ने कहा कि सुंदरबन जिले के लिए एक नया मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा हैं। हमने लगभग 20 करोड़ मैंग्रोव पेड़ लगाए हैं।यहां हर साल चक्रवात आते हैं। हमने यहां कई बाढ़ सेल बनाए हैं ,ताकि चक्रवात की स्थिति उत्पन्न होने पर प्रशासन पीड़ित परिवारों को सुरक्षित निकाल सके। इसके साथ ही सुंदरवन में अन्य कई बदलाव किये जायेंगे।