बीरेंद्र कुमार झा
संसदीय सवालों के बदले पैसे के मामले में एथिक्स कमेटी के सामने पेश होने से एक दिन पहले तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने बुधवार को कहा कि वह कल पैनल के सामने पेश होगी ।महुआ मोइत्रा ने शिकायतकर्ता जय अनंत देहाद्राई और व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से जिरह करने की मांग की।
सोशल मीडिया एक्स पर शेयर किया लेटर
महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने दो पेज का लेटर शेयर करते हुए कहा कि एथिक्स कमेटी ने मीडिया को मेरा समन जारी करना उचित समझा,इसलिए मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि मैं भी कल अपनी सुनवाई से पहले समिति को अपना पत्र जारी करूं।
जिरह करने की की मांग
एथिक्स कमिटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर को लिखे अपने पत्र में तृणमूल कांग्रेस नेत्री महुआ मोइत्रा ने कहा कि उन्हें 28 अक्टूबर को समिति का पत्र मिला था। इसमें उन्हें सूचित किया गया था कि समिति 2 नवंबर को सुबह 11:00 बजे उनकी बात सुनेगी। लोकसभा सांसद ने महुआ मोइत्रा ने कहा कि शिकायतकर्ता देहाद्राई ने अपनी शिकायत में अपने आरोपों के समर्थन में कोई दस्तावेजी सबूत नहीं दिया है और न हीं वह अपनी मौखिक सुनवाई में कोई सबूत दे सके। प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए मैं देहाद्राई से जिरह करने के अपने अधिकार का प्रयोग करना चाहती हूं।
उन्होंने कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए यह जरूरी है कि कथित रिश्वत देने वाले हीरानंदानी को बुलाया जाए, जिन्होंने कम विवरण और बिना किसी भी तरह की दस्तावेजी सबूत के साथ समिति को स्वत: संज्ञान हलफनामा दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे जिरह करने का अवसर दिए बिना कोई भी पूछताछ अधूरी और अनुचित होगी।
इथिक्स कमिटी से सारी सुनवाई लिखित रखने की की मांग
उन्होंने कहा वह कमेटी से अनुरोध कर रही है कि वह लिखित में जबाव दे।जिरह कि अनुमति देने या अनुमति न देने के अपने फैसले को रिकॉर्ड में रखे। उन्होंने 5 नवंबर के बाद अपनी उपस्थिति की तारीख में बदलने की मांग पर सहमति नहीं जताने के लिए समिति पर तंज कसते हुए कहा कि वह 2 नवंबर को सुबह 11:00 बजे समिति के सामने पेश होगी।
इथिक्स कमिटी पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप
उन्होंने अपने मामले में और बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा लोकसभा में बीएसपी सांसद कुमार दानिश अली को गाली देने और धमकाने के मामले में समिति के दोहरे मापदंडों पर भी सवाल उठाया और कहा कि इसके ठीक विपरीत रमेश बिधूड़ी के मामले में एक बहुत ही अलग दृष्टिकोण अपनाया गया है।उन्होंने कहा की विधूड़ी को मौखिक साक्ष्य देने के लिए 10 अक्टूबर को बुलाया गया था और उन्होंने समिति को सूचित किया था कि वह राजस्थान में चुनाव प्रचार कर रहे हैं और भाग नहीं लेंगे। इसके बाद अबतक उनकी सुनवाई की कोई और तारीख नहीं दी गई है।
राजनीतिक उद्देश्यों की आती है बू
दो मानकों से राजनीतिक उद्देश्यों की बू आती है। इससे विशेष अधिकार एवं नैतिकता शाखा की विश्वसनीयता प्रभावित होती है। उन्होंने यह भी कहा कि सवाल यह है कि क्या एथिक्स कमिटि जांच करने के लिए उचित मंच है?