बीरेंद्र कुमार झा
संसद का शीतकालीन सत्र आज 4 दिसंबर से शुरू हुआ। आज के दिन को लेकर सब की नजरे तृणमूल कांग्रेस से सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे कैश फॉर क्वेरी मामले पर लगी हुई थी। ऐसी उम्मीद लगाई जा रही थी कि लोकसभा के आचार समिति कि इससे जुड़ी रिपोर्ट संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन निचले सदन में पेश की जाएगी, जिसमें महुआ मोइत्रा को रिश्वत लेकर सवाल पूछने के मामले में सदन से निष्कासित करने की अनुशंसा की गई है। लेकिन वास्तव में आज ऐसा कुछ हुआ नहीं। अब माना जा रहा है कि यह मामला कल सदन के सामने रखा जाएगा।
एथिक्स पैनल के 10 में से 6 ने मोइत्रा के खिलाफ पेश बिल का किया समर्थन
महुआ मोइत्रा से जुड़े कैश फॉर क्वेरी मामले के घटनाक्रम की अगर बात की जाए तो सवाल के बदले पैसे लेने के मामले में लोकसभा एथिक्स पैनल के 6 सदस्यों ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ पेश रिपोर्ट का समर्थन किया है, जबकि चार सदस्यों ने इसका विरोध किया है।घटनाक्रम से जुड़ी यह जानकारी पैनल प्रमुख विनोद सोनकर ने सार्वजनिक किया है।
बड़े जनादेश के साथ आऊंगी वापस
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एथिक्स कमेटी ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश कर दी है। वही इस पूरे मामले को लेकर सांसद महुआ मोइत्रा का भी बयान सामने आया है। महुआ मोइत्रा का कहना है कि भले ही मुझे इस बार सदन से निष्कासित कर दिया जाए लेकिन मैं अगली लोकसभा चुनाव में एक बड़े जनाधार इसके साथ वापस सदन में आऊंगी।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र
गौरतलब है कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने धन लेकर प्रश्न पूछने के मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता महुआ मोइत्रा के खिलाफ आचार समिति की कार्यवाही को लेकर लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला को शनिवार को पत्र लिखकर निष्कासन को अत्यंत गंभीर दंड करार दिया।साथ ही उन्होंने नियमों तथा संसदीय समितियां के कामकाज पर पुनर्विचार करने की मांग की।कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने चार प्रश्नों वाले अपने पत्र में कहा है कि विशेषाधिकार समिति और आचार समिति के लिए उल्लेखित भूमिकाओं में कोई स्पष्ट सीमांकन नहीं है। विशेष रूप से दंडात्मक शक्तियों के प्रयोग के मामले में।