न्यूज़ डेस्क
महाराष्ट्र में इसी साल के अक्टूबर में विधंसाभ चुनाव होने हैं और इसको लेकर महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर से गर्म हो गई है। इस चुनाव को लेकर उद्धव शिवसेना के नेता संजय राउत ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा, ”चुनाव होने दीजिए. हम चुनाव जीतेंगे और फिर इस पर फैसला करेंगे।
इस सप्ताह की शुरुआत में संजय राउत ने दावा किया था कि विपक्षी गठबंधन 288 विधानसभा सीटों में से 180-185 सीटें हासिल करेगा।
बता दें कि हालिया लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों ने महायुति में शामिल बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के सत्तारूढ़ गठबंधन से बेहतर प्रदर्शन किया। महाविकास अघाड़ी ने महाराष्ट्र की 48 संसदीय सीटों में से 30 पर जीत हासिल की है। हालांकि, एमवीए सहयोगियों के बीच, शिवसेना (यूबीटी) का स्ट्राइक रेट सबसे कम था। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने सबसे अधिक 21 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल 9 सीटें जीतीं।
कांग्रेस ने राज्य की 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा और 13 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 10 सीटों पर चुनाव लड़ा और आठ सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की। सांगली लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता विशाल पाटिल ने निर्दलीय चुनाव जीता और बाद में ग्रैंड ओल्ड पार्टी कांग्रेस को समर्थन दिया।
उधर ,महायुति में शामिल बीजेपी को 9 लोकसभा सीटों पर जीत मिली। तो वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे गुट को 7 सीटों पर जीत हासिल हुई। लोकसभा चुनाव में सबसे खराब प्रदर्शन महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार गुट की पार्टी एनसीपी का रहा। एनसीपी ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा और महज एक सीट पर जीत हासिल की।
लेकिन अब देखने की बात तो यह है कि विधान सभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी क्या कुछ कर पाती है। अगर लोकसभा चुनाव के पैटर्न पर भी जनता एमवीए दलों के साथ खड़ी होती है तो निश्चित तौर पर बीजेपी को झटका लग सकता है।