बीरेंद्र कुमार झा
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर एक बार फिर पेंच फंसा दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संकेत दिए हैं की चौथी बार भी राजस्थान के मुख्यमंत्री वही बनेंगे।कहा जाता है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट होती है तो एक बार मुख्यमंत्री को लेकर फिर से बवाल मचना तय है,क्योंकि मुख्यमंत्री गहलोत की तरफ से अब तक आ रहे संकेतों से तो यही लगता है कि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के निर्णय के पीछे नहीं हटेंगे,जबकि सचिन पायलट भी इस बार मुख्यमंत्री पद से किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहते हैं।सचिन पायलट ने साफ कर दिया है कि सीएम कौन बनेगा इसका निर्णय लीडरशिप करेगी।
चुनाव से पहले खुद को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया
एक सभा के दौरान अशोक गहलोत ने चुनाव से पहले ही खुद को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया और कांग्रेस आला कमान देखता ही रह गया।कांग्रेस के प्रवक्ता ने भी गहलोत के इस बयान का किसी तरह से खंडन भी नहीं किया है।जब अशोक गहलोत ने चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की बात कही थी, तो उनके पास में ही पवन खेड़ा भी मौजूद थे।हालांकि बाद में गहलोत ने ही बात संभाल लिया और कहा की वे तो इसे लेकर मजाक कर रहे थे।
सुलह के बाद भी अटकी पहली सूची
राजस्थान में चुनाव को लेकर गहलोत और पायलट के बीच सुलह हो जाने की बात के कांग्रेस पार्टी की ओर कही जा रहीं लेकिन अंदरूनी तौर पर दोनों में खटास बरकरार है। यही वजह है कि प्रियंका गांधी की जनसभा के बाद भी कांग्रेस की लिस्ट जारी नहीं हुई है। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि प्रियंका गांधी की जनसभा के बाद पहली सूची आ जाएगी ,क्योंकि सब कुछ फाइनल हो गया है। लेकिन कुछ सीटों को लेकर पेंच अभी भी फंसा हुआ है जिस कारण प्रियंका गांधी की राजस्थान की सभा के बावजूद कॉन्ग्रेस उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं हो पाई। इधर बीजेपी अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी करने की तैयारी में है ,जबकि कांग्रेस की अभी तक पहली सूची भी नहीं आई है।
कांग्रेस गहलोत और पायलट दोनों को खुश करने के लिए हर शर्तें मान रही है
राजस्थान विधान सभा चुनाव दुबारा जीतने के लिए कांग्रेस आला कमान बेहद गंभीर है। यही वजह है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों को ही खुश रखने के लिए पार्टी आलाकमान ने उनकी हर शर्तें मान ली है। अब तक जो संकेत मिले हैं, उसके मुताबिक बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों और निर्दलीय विधायकों के टिकट कंफर्म है।मुख्यमंत्री गहलोत कहते रहे हैं कि जिन विधायकों ने उनकी सरकार बचाई थी, वे उनका हमेशा ऋणी रहेंगे।उन्होंने कहा कि हमारे विधायक 10-10 करोड रुपए के लालच में नहीं आए हैं।वहीं दूसरी तरफ पायलट के साथ गुड़गांव में कैंप करने वाले विधायकों को भी टिकट मिलने के आसार हैं।
दोनों खेमे से जुड़े विधायकों के खिलाफ है प्रदेश में एंटी इनकंबेंसी
कांग्रेस द्वारा कराए गए सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ था किअशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ही खेमे से जुड़े विधायकों के खिलाफ प्रदेश में जबरदस्त एंटी इनकम बंसी हैं।स्थानीय स्तर पर इनका जबरदस्त विरोध हो रहा है। इसके बावजूद कांग्रेस साल कमान ने उनके नाम की हरी झंडी दे दी है। हालांकि लिस्ट जारी होने के बाद ही सही तस्वीर सामने आ पाएगी, लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं उसके अनुसार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे गहलोत और पायलट दोनों में से किसी को नाराज करना नहीं चाहते हैं।