बीरेंद्र कुमार झा
बिहार सरकार द्वारा 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर बिहार में जाति गणना के आंकड़े जारी किए जाने के बाद सबसे पहले तो विपक्षी दलों के नेताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर की, लेकिन अब तो सत्ताधारी गठबंधन के नेता भी इस पर आमने-सामने होने लगे हैं। राज्य में जाति आधारित गणना में जारी वैश्य सामुदाय के आंकड़ों पर जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने सवाल उठाया है। सीतामढ़ी के जेडीयू सांसद सह तेली साहू जाति के संयोजक सुनील कुमार पिंटू ने तेली जाति की जारी संख्या 2.81प्रतिशत को वास्तविकता से काफी कम बताया है। उन्होंने कहा है कि कई जगह यह गणना हुई ही नहीं। साथ ही उन्होंने अपने संगठन तेली – साहू समाज के सभी प्रखंड अध्यक्षों को जाति के वर्तमान आंकड़ों के साथ 8 अक्टूबर को बैठक के लिए पटना बुलाया है¡ उनका कहना है वे अपने संगठन से एकत्र की गई जाति आंकड़े को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने पेश करके,उनसे छूटे हुए स्थानों स्थानों पर तेली जाति की गणना करवाने की मांग करेंगे। जेडीयू सांसद ने कहा कि वह किसी दूसरे समाज की संख्या की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह जिस समाज से आते हैं उसकी संख्या कम बताई गई है।
उद्योग मंत्री ने जाति गणना के आंकड़े को बताया सही
अखिल भारतीय वैश्य समाज सभा के प्रदेश अध्यक्ष का उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने राज्य सरकार की जाति आधारित आंकड़ों को सही बताया है साथ ही इतनी कम लागत में गणना करवाने की केंद्र सरकार को चुनौती दी है।समीर कुमार के अनुसार इस गिनती में वैश्या की 56 उपजातियां की संख्या को समग्र रूप से देखने पर आंकड़े कम नहीं हुए है,बल्कि वह बढ़ गए हैं। उनका कहना है कि पहले से वह पूरे वैश्य समुदाय की जनसंख्या 27वीं होने की बात करते रहे हैं और इसमें बढ़ोतरी हुई है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने जाति गणना के आंकड़ों को बताया फर्जी
इंकलाब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने जाति गणना के आंकड़े को फर्जी करार दिया है। उन्होंने कहा कि जाति गणना के आंकड़े सही नहीं है। कुशवाहा- दांगी समाज के साथ ही सवर्ण समाज को भी अपमानित किया गया है। इसके खिलाफ अगले साल 2 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में कोयरी महाशक्ति प्रदर्शन करेंगे।साथ ही शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट में याचिका भी दायर करेंगे। गुरुवार को शोषित इंकलाब पार्टी और कुशवाहा- दांगी समाज के पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि की अध्यक्षता मे बैठक हुई।वक्ताओं ने कहा कि रिपोर्ट में कुशवाहा समाज को मात्र 4.21% दिखाया गया है और दांगी समाज को 0.5% ,जबकि पर 2014 में इस समाज की जनसंख्या 9% थी।
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बीजेपी पर लगायाआरोप
बिहार के संसदीय कार्य मंत्री एवं जेडीयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने बताया कि जाति गणना की सफलता से कई नेता भौचक है।बीजेपी तो खास बेचैनी महसूस कर रही है। जिनके परिजनों ने सभी सूचनाओं को गणक कर्मचारियों को दी वहीं नेता इसमें फर्जीवाड़े का आरोप लगा रहे हैं। बदहवासी का आलम यह है कि बीजेपी के कुछ नेता सभी आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं तो इसी दल के बड़े नेता निजता का अधिकार के हनन के आधार पर न्यायालय की अवमानना का प्रश्न उठा रहे रहे हैं।सच्चाई यह है इस गणना की सफलता से राष्ट्रीय स्तर पर भी जाति आधारित जनगणना करने की मांग उठ रही है, जिससे प्रधानमंत्री भी घबराहट महसूस कर रहे हैं और यह उनके भाषणों में स्पष्ट दिखता है। श्री चौधरी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि नीतीश सरकार को मिल रही वाहवाही से बेचैन बीजेपी भूल जाती है कि फैसले में वह भी शामिल रही है।मुख्यमंत्री ने बैठक में भी स्पष्ट किया किसी को अगर कुछ विसंगतियां दिखती है तो सरकार जरूर इसका संज्ञान लेगी